अपडेट... प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु ही जा सकेंगे हेमकुंड साहिब

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. National

अपडेट... प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु ही जा सकेंगे हेमकुंड साहिब


अपडेट... प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालु ही जा सकेंगे हेमकुंड साहिब


देहरादून, 15 मई (हि.स.)। उत्तराखंड सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने आपस में विचार विमर्श कर श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी है। निर्णय लिया गया है कि रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं को श्री हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति दी जाएगी।

हेमकुंड साहिब की यात्रा 22 मई से प्रारंभ हो रही है। इस चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु यात्रा पर आ रहे हैं। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड का पांचवां धाम माना जाता है। सरकार और गुरुद्वारा प्रबंधक को उम्मीद है कि यहां भी अधिक संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इसलिए यात्रा को सुगम और सुव्यवस्थित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

इसीलिए सरकार ने गुरुद्वारा प्रबंधन से बात कर फैसला लिया कि हेमकुंड साहिब प्रतिदिन 5000 श्रद्धालु को ही जाने की अनुमति दी जाएगी। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर प्रस्थान करने से पूर्व आने वाले समस्त श्रद्धालुओं को ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है। यात्री स्वयं भी उत्तराखंड पर्यटन (यूटीडीबी) की वेबसाइट registrationandtouristcare.ukgov.in अथवा मोबाइल एप्लिकेशन Tourist Care Uttarakhand डाउनलोड करके भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

जो यात्री किसी कारणवश ऑनलाइन पंजीकरण करने में असमर्थ हैं उन्हें गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी मदद करेगी। इसके लिए श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब लक्ष्मण झूला मार्ग ऋषिकेश में लगाए गए पंजीकरण केंद्र जाना होगा और वहां उपस्थित होकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। समस्त धामों में भीड़ को नियंत्रित एवं यात्रा को निर्विघ्न, सफल और सुगम बनाने के लिए प्रशासन एवं समस्त धामों की प्रबंधन समितियां प्रतिबंध है। उत्तराखंड सरकार हमारे प्रबंधन से बात की। दोनों इस निर्णय पर पहुंचे कि प्रत्येक यात्री अपना पंजीकरण करके ही आगे प्रस्थान करेंगे, जिससे यात्रा मार्ग में किसी भी प्रकार की परेशानी वह कष्ट न हो।

हिन्दुस्थान समाचार/ गुंजन कुमार