उत्तराखंड में इस महीने भारत-अमेरिका का संयुक्त 'युद्ध अभ्यास'

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उत्तराखंड में इस महीने भारत-अमेरिका का संयुक्त 'युद्ध अभ्यास'

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नई दिल्ली | भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 22' का 18वां संस्करण इस महीने उत्तराखंड में आयोजित किया जाएगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से भारत और अमेरिका के बीच प्रतिवर्ष 'युद्ध अभ्यास' आयोजित किया जाता है।

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के अमेरिकी सैनिक और असम रेजिमेंट के भारतीय सैनिक अभ्यास में भाग लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के अध्याय-7 के तहत एक एकीकृत युद्ध समूह के एंप्लॉयमेंट पर केंद्रित होगा। शेड्यूल में शांति स्थापना और शांति प्रवर्तन से संबंधित सभी ऑपरेशन शामिल होंगे।

दोनों देशों के सैनिक समान उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह अभ्यास मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। मंत्रालय ने बताया कि सैनिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर त्वरित और समन्वित राहत प्रयासों को शुरू करने का अभ्यास करेंगे।

दोनों सेनाओं के पेशेवर कौशल और अनुभवों से लाभ प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक चयनित विषयों पर कमांड पोस्ट अभ्यास और विशेषज्ञ शैक्षणिक चर्चा (ईएडी) आयोजित की जाएगी। फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास के दायरे में एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, बल गुणक, निगरानी ग्रिड की स्थापना और कामकाज, परिचालन रसद का सत्यापन, पर्वतीय युद्ध कौशल, हताहत निकासी और प्रतिकूल इलाके और जलवायु परिस्थितियों में चिकित्सा सहायता का मुकाबला करना शामिल है।

इस अभ्यास में इंजीनियरिंग, यूएएस/काउंटर यूएएस तकनीकों के एंप्लॉयमेंट और सूचना संचालन सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर आदान-प्रदान और अभ्यास शामिल होंगे। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह दोनों सेनाओं को अपने व्यापक अनुभव, कौशल साझा करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अपनी तकनीकों को बढ़ाने में मदद करेगा।

अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में संयुक्त बेस एल्मडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (यूएसए) में आयोजित किया गया था।