पूनावाला ने केजरीवाल और सिसोदिया पर कटाक्ष करते हुए फिल्म 'लुटेरा' का पोस्टर जारी किया

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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पूनावाला ने केजरीवाल और सिसोदिया पर कटाक्ष करते हुए फिल्म 'लुटेरा' का पोस्टर जारी किया

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नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय पर एक प्रेसवार्ता के माध्यम से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का फोटो सहित फिल्म 'लुटेरा' का एक पोस्टर जारी किया। उनके अनुसार, यह पोस्टर पिछले आठ सालों से अरविंद केजरीवाल सरकार में चल रही घटनाओं का संक्षेप विवरण है। शहजाद पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा कि एक 'लुटेरा' नाम की फिल्म आई थी, लेकिन फिलहाल दिल्ली के अंदर अरविंद केजरीवाल निर्देशित फिल्म 'लुटेरा' चल रही है, जिसमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत और सुकेश चंद्रशेखर मुख्य भूमिका में हैं। उन्होंने केजरीवाल सरकार के घोटालों को याद दिलाते हुए कहा कि हवाला घोटाला, बस घोटाला, क्लासरुम घोटाला, बिजली सब्सिडी में घोटाला, श्रमिकों का फेक रजिस्ट्रेशन करवाकर घोटाला, जलबोर्ड के माध्यम से 20 करोड़ की लूट हो या फिर शराब घोटाला हो, जिसमें केजरीवाल ने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली के टैक्सपेयर्स के पैसों को पानी की तरह बहाने का काम किया।

शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि शराब घोटाले में अभी तक किसी को बेल नहीं मिली है। कैश कलेक्शन एक्सपर्ट विजय नायर भी जेल के अंदर है। शराब घोटालों के अंदर जिस तरह से दिल्ली के खजाने को लूटने का काम किया गया, उसका खुलासा भी आरटीआई के तहत हुआ है। नई शराब नीति के तहत 5036 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आए। सितंबर 2022 में जब पुरानी पॉलिसी को लागू किया गया तो सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 768 करोड़ रुपये की कमाई हुई। मतलब स्पष्ट है कि नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली के सरकारी खजानों में प्रतिदिन आने वाले 17.5 करोड़ रुपये पुरानी नीति के तहत प्रतिदिन 25.5 करोड़ रुपये आने लगे। यानि प्रतिदिन 8 करोड़ रुपये अतिरिक्त फायदा पुरानी नीति के कारण सरकार को होने लगा जो यह बताता है कि नई आबकारी नीति सिर्फ दिल्ली की सरकारी खजाने को लूटने के लिए लाया गया था।

पूनावाला ने आगे कहा कि नई आबकारी नीति जब तक लागू रही उस दौरान दिल्ली के सरकारी खजानों में 1800 करोड़ रुपये की चपत लगी। गरीबों के सरकारी खजानों को शराब माफियाओं की जेब भरने का काम किया। उन्होंने सवाल किया कि अगर पॉलिसी अच्छी थी तो उसे वापस लेने को मजबूर क्यों हुए? ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को क्यो लाइसेंस दिए गए। जिन कंपनियों को नोटिस जारी की गई थी उन पर केजरीवाल सरकार ने क्या कार्रवाई की है। कमीशन बढ़ाने की क्या जरूरत पड़ी।

उन्होंने कहा कि नई शराब नीति में लूटे गए पैसों का इस्तेमाल गुजरात चुनाव में किया जा रहा है। आज किसी फिल्म की विलेन की तरह जब शराब घोटाले को लेकर सीबीआई जांच करने लगी तो फाइले मंगवाने के लिए अपने ओएसडी से पत्र लिखवाकर उन फाइलों को मिटाने की कोशिश भी सिसोदिया द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर, जेल के बाहर और फॉर्म हाउस हर जगह केजरीवाल के मंत्री अपने पदों का दुरुपयोग कर वसूली करने का काम कर रहे हैं।