पत्नी और बेटे की हत्या के बाद हरेश ने खुद को भी मारा, इस वजह से उठाया ये कदम

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पत्नी और बेटे की हत्या के बाद हरेश ने खुद को भी मारा, इस वजह से उठाया ये कदम

Suicide

Photo Credit: UPUKLive


गुजरात के गांधीनगर के न्यू गांधीनगर सरगासन इलाके में एक ऐसी घटना घटी है जिसने हर किसी के दिल को झकझोर कर रख दिया है। यह कहानी एक आम परिवार की है, जो शेयर बाजार के कर्ज के जाल में फंस गया और उसकी जिंदगी पूरी तरह से बिखर गई। 42 साल के हरेश वाघेला, जो अपने परिवार के साथ इस इलाके में रहते थे, ने एक ऐसा कदम उठाया जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता था। कर्ज के भारी बोझ से परेशान हरेश ने अपनी पत्नी और मासूम बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी और फिर खुद को खत्म करने की कोशिश की। यह घटना सुनने में जितनी दुखद है, उतनी ही सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर एक इंसान को इस हद तक जाने के लिए क्या मजबूर कर सकता है।

हरेश वाघेला का परिवार न्यू गांधीनगर के सरगासन इलाके में एक साधारण जिंदगी जी रहा था। लेकिन शेयर बाजार में पैसा लगाने की उनकी चाहत ने उनकी जिंदगी को उलट-पुलट कर रख दिया। जो सपने उन्होंने अपने परिवार के लिए देखे थे, वो कर्ज के पहाड़ के नीचे दब गए। इस दुखद घटना ने न सिर्फ उनके परिवार को खत्म कर दिया, बल्कि पूरे इलाके में एक सन्नाटा छा गया। आइए, इस घटना के हर पहलू को समझने की कोशिश करते हैं और जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ जो इस परिवार के लिए इतना भयानक अंत लेकर आया।

शेयर बाजार का कर्ज बना मुसीबत

हरेश वाघेला की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उनकी एक गलती ने सब कुछ बदल दिया। शेयर बाजार में पैसा लगाना उनके लिए एक आसान रास्ता लग रहा था जिससे वे जल्दी अमीर बन सकें। शुरू में शायद उन्हें कुछ फायदा भी हुआ हो, लेकिन धीरे-धीरे हालात बिगड़ते चले गए। शेयर बाजार की चाल को समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती, और हरेश भी इसमें उलझ गए। उन्होंने जो पैसा लगाया था, वह डूब गया और ऊपर से कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया। यह कर्ज इतना ज्यादा हो गया कि हरेश के लिए इसे चुकाना नामुमकिन सा लगने लगा।

कर्ज की यह मार सिर्फ हरेश तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके पूरे परिवार पर भारी पड़ गई। घर में हर दिन तनाव बढ़ता जा रहा था। जहां पहले हंसी-खुशी की बातें होती थीं, वहां अब सिर्फ चिंता और परेशानी ने जगह ले ली थी। हरेश के पास न तो कर्ज चुकाने का कोई रास्ता था और न ही कोई उम्मीद की किरण दिख रही थी। शायद इसी मानसिक दबाव ने उन्हें उस रास्ते पर धकेल दिया, जहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं था। यह कहानी बताती है कि पैसों की चाहत कभी-कभी कितने बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

हरेश वाघेला ने जो कदम उठाया, उसने उनके परिवार को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। एक दिन, जब कोई उम्मीद बाकी नहीं बची थी, हरेश ने अपनी पत्नी और छोटे बेटे की हत्या कर दी। यह सोचकर ही दिल कांप जाता है कि जिस परिवार के लिए वे दिन-रात मेहनत करते थे, उसी को उन्होंने अपने हाथों से खत्म कर दिया। उनकी पत्नी और मासूम बेटा, जो इस सारी परेशानी से अनजान थे, इस क्रूर फैसले का शिकार बन गए। यह घटना इतनी भयानक थी कि सुनने वाले की रूह कांप जाए।

हरेश की पत्नी और बेटे की हत्या के बाद उन्होंने खुद को भी खत्म करने की कोशिश की। लेकिन उनकी यह कोशिश पूरी नहीं हो सकी। वे जिंदा बच गए और अब इस भयानक कांड के लिए कानून के सामने जवाब देना होगा। यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है कि मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव इंसान को कहां तक ले जा सकता है। हरेश का यह कदम उनके परिवार के लिए दुखों का पहाड़ बनकर टूट पड़ा।