अमित शाह ने मुझे फोन किया, कहां हैं आप, देर हो रही है फौरन आइए, ओवैसी ने बताया क्या हुई बात

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अमित शाह ने मुझे फोन किया, कहां हैं आप, देर हो रही है फौरन आइए, ओवैसी ने बताया क्या हुई बात

amit shah owaisi

Photo Credit: Social media


भारत के दिल में बसी खूबसूरत कश्मीर घाटी एक बार फिर आतंक की आग में झुलस उठी है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस दुखद घटना के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी राजनीतिक दलों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक गुरुवार को दिल्ली में होगी, जहां सरकार सभी दलों को हमले की विस्तृत जानकारी साझा करेगी और उनके सुझावों को सुनेगी। इस कदम का मकसद न केवल स्थिति की गंभीरता को समझना है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के साथ इस चुनौती का सामना करना भी है।

पहलगाम हमला: एक राष्ट्रीय संकट

पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, इस बार आतंकवादियों के निशाने पर रहा। इस हमले ने न केवल स्थानीय लोगों को डर में डाल दिया, बल्कि देश भर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी खड़े किए। केंद्र सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है और इसे एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में देख रही है। सर्वदलीय बैठक का आयोजन इस बात का संकेत है कि सरकार सभी पक्षों को साथ लेकर इस संकट से निपटना चाहती है।

ओवैसी का बयान: एकता की पुकार

हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से फोन कर बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया। ओवैसी ने कहा, “यह बैठक राष्ट्रीय महत्व का विषय है। गृहमंत्री ने मुझे फोन पर पूछा कि मैं कहां हूं और दिल्ली आने को कहा। मैं तुरंत अपनी यात्रा की व्यवस्था कर रहा हूं ताकि इस चर्चा का हिस्सा बन सकूं।” उनका यह बयान दर्शाता है कि इस संकट के समय सभी दल एकजुट होकर देश की सुरक्षा के लिए काम करने को तैयार हैं।


आगे की राह: एकजुटता और कार्रवाई

यह सर्वदलीय बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार इस बैठक में सभी दलों के विचारों को सुनकर एक ठोस रणनीति तैयार करना चाहती है। पहलगाम हमले ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ खड़े होने की जरूरत है। यह समय है जब देश के हर नागरिक और नेता को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा।