अनंत अंबानी की 170 किमी पदयात्रा, मां नीता अंबानी का गर्व भरा लम्हा!

क्या आपने कभी सोचा कि आस्था और संकल्प की ताकत इंसान को कितना आगे ले जा सकती है? देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने हाल ही में जामनगर से द्वारकाधीश मंदिर तक 170 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की। यह खबर न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई है। इस उपलब्धि पर उनकी मां नीता अंबानी ने दिल से खुशी जाहिर की और कहा, "मुझे अपने बेटे पर गर्व है।" आइए, इस खास यात्रा की कहानी को करीब से जानते हैं और समझते हैं कि यह क्यों इतनी खास है।
एक संकल्प की शुरुआत
अनंत अंबानी ने यह पदयात्रा अपने 30वें जन्मदिन से ठीक पहले शुरू की थी। 29 मार्च को जामनगर से निकलकर उन्होंने भगवान द्वारकाधीश के दर्शन का संकल्प लिया। हर रात करीब 7 घंटे पैदल चलते हुए, उन्होंने रोजाना 17-20 किलोमीटर की दूरी तय की। यह यात्रा सिर्फ शारीरिक मेहनत का परिचय नहीं थी, बल्कि उनकी गहरी आस्था और अटूट इच्छाशक्ति का प्रतीक थी। रामनवमी के पावन दिन पर, 6 अप्रैल 2025 को सुबह-सुबह द्वारका पहुंचकर उन्होंने अपनी यात्रा पूरी की। इस मौके पर उनके चेहरे की खुशी और संतुष्टि देखते ही बनती थी।
नीता अंबानी का भावुक बयान
अनंत की इस उपलब्धि पर उनकी मां नीता अंबानी ने गर्व और खुशी से भरा बयान दिया। उन्होंने कहा, "एक मां के लिए इससे बड़ा सुख क्या हो सकता है कि उसका बेटा इतना बड़ा संकल्प पूरा करे। अनंत ने जामनगर से द्वारकाधीश तक की यह यात्रा पूरी की, और मेरा दिल खुशियों से भर गया।" नीता ने यह भी बताया कि पिछले 10 दिनों से अनंत के साथ इस यात्रा में शामिल युवाओं ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने भगवान द्वारकाधीश से प्रार्थना की कि वे अनंत को हमेशा ऐसी ही शक्ति और आशीर्वाद दें।
आस्था और प्रेरणा का संगम
यह पदयात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि एक ऐसी मिसाल थी जो आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकती है। अनंत ने अपनी इस यात्रा के दौरान हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया, जिससे उनकी भक्ति और स्पष्ट हो गई। रास्ते में लोगों ने उनका स्वागत किया, कुछ ने उन्हें भगवान की तस्वीरें भेंट कीं, तो कुछ ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं। अनंत का यह कदम बताता है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, अगर मन में विश्वास और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कुछ भी असंभव नहीं।