Attari Border : BSF ने रोकी एंट्री! अटारी बॉर्डर से लौटाए गए भारतीय, रद्द हुई रिट्रीट सेरेमनी

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Attari Border : BSF ने रोकी एंट्री! अटारी बॉर्डर से लौटाए गए भारतीय, रद्द हुई रिट्रीट सेरेमनी

Attari Border

Photo Credit: Attari Border


Pahalgam Terrorist Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से अटारी-वाघा सीमा को बंद करने का कड़ा फैसला लिया है।

यह सीमा न केवल दोनों देशों के बीच यात्रियों और श्रद्धालुओं के आवागमन का प्रमुख मार्ग है, बल्कि अफगानिस्तान से होने वाले व्यापार का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार के इस फैसले से न केवल द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा, बल्कि सीमा पर होने वाली प्रसिद्ध रिट्रीट सेरेमनी भी अब आम लोगों के लिए बंद हो गई है।

अटारी-वाघा सीमा बंद होने का असर

अटारी-वाघा सीमा भारत का पहला जमीनी पोर्ट है, जो 120 एकड़ में फैला हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग-1 से सीधे जुड़ा है। यह सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और यात्रा का एकमात्र सड़क मार्ग है। सीमा बंद होने से दोनों देशों के बीच चलने वाले श्रद्धालु जत्थों, खासकर सिख तीर्थयात्रियों, को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

इसके अलावा, अफगानिस्तान से भारत आने वाले सामान, जैसे सूखे मेवे और अन्य वस्तुओं के व्यापार पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने के साथ-साथ सीमा पर सख्ती बढ़ा दी है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

व्यापार पर बढ़ती कठिनाइयाँ

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते पहले ही 2019 के पुलवामा हमले के बाद से ठप हैं। उस समय भारत ने पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ की सूची से हटा दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान से आयात पर कस्टम ड्यूटी 200 प्रतिशत तक बढ़ गई थी। इस फैसले के बाद भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से आयात लगभग बंद कर दिया था।

अब अटारी-वाघा सीमा के बंद होने से अफगानिस्तान के रास्ते होने वाला व्यापार भी प्रभावित होगा, जिसका असर भारतीय और अफगानी व्यापारियों पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और कमजोर करेगा।

रिट्रीट सेरेमनी का बदला स्वरूप

अटारी-वाघा सीमा पर हर शाम होने वाली रिट्रीट सेरेमनी देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण रही है। इस सेरेमनी में भारत और पाकिस्तान के सैनिक अपनी देशभक्ति और अनुशासन का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन अब सरकार ने इसे आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया है।

सूत्रों के अनुसार, सीमा पर केवल झंडा फहराया जाएगा, और सेरेमनी का वह उत्साहपूर्ण माहौल अब देखने को नहीं मिलेगा। यह फैसला स्थानीय पर्यटन और सीमा के आसपास के व्यवसायों पर भी असर डालेगा।

भारत का कड़ा रुख

पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने को तैयार है। विशेषज्ञों का कहना है कि अटारी-वाघा सीमा का बंद होना और रिट्रीट सेरेमनी पर पाबंदी दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक है। हालांकि, इस फैसले से दोनों देशों के आम नागरिकों, खासकर श्रद्धालुओं और व्यापारियों को असुविधा होगी, लेकिन सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। भविष्य में दोनों देशों के बीच बातचीत और स्थिति सामान्य होने की संभावना पर सभी की नजरें टिकी हैं।