जीजा-साली का खौफनाक झगड़ा: 5 सालियों ने सभासद को चप्पलों से पीटा

मथुरा से सटे राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना कस्बे में एक पारिवारिक विवाद ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। बमनपुरा मोहल्ले में स्थित कुशवाह धर्मशाला में चल रही एक पंचायत के दौरान नगर पालिका के सभासद गिर्राज कुशवाह को उनकी पांच सालियों ने कथित तौर पर चप्पलों से पीट दिया। इस घटना ने स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया और पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया।
विवाद की जड़ आगरा जिले की किरावली तहसील के गांव औलेंडा में स्थित लगभग दो बीघा जमीन है। सालियों का आरोप है कि उनके जीजा गिर्राज कुशवाह ने उनके पिता बदनी कुशवाह को गुमराह करके 3 फरवरी 2023 को उनकी मृत्यु से पहले खेती की जमीन, रिहायशी घर और नौहरा अपनी पत्नी प्रेमवती के नाम करवा लिया था। वसीयत में मां अंगूरी देवी की सेवा की शर्त भी रखी गई थी।
सालियों के आरोप और पंचायत का आयोजन
पांचों सालियां लालमती, विमला, बरफी, मीरा और श्रीमती ने अपने जीजा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गिर्राज ने न केवल वसीयत में मिली जमीन पर कब्जा किया, बल्कि उसे ऊंची कीमत पर बेच भी दिया है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी मां अंगूरी देवी की सेवा की शर्त का भी पालन नहीं किया है।
सोमवार को पांचों बहनें अपनी मां के साथ बयाना पहुंचीं और कुशवाह धर्मशाला में एक पंचायत बुलाई गई। पंचायत का उद्देश्य इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालना था। हालांकि, जब सभासद गिर्राज ने सालियों को जमीन में हिस्सा देने से मना कर दिया, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
हाथापाई और चप्पलों से पिटाई
पंचायत के दौरान जब गिर्राज कुशवाह ने अपना पक्ष रखते हुए सालियों को संपत्ति में हिस्सा देने से इनकार कर दिया, तो पांचों बहनें आक्रोशित हो गईं। आरोप है कि गुस्से में आकर सालियों ने सभासद से हाथापाई शुरू कर दी और उन्हें चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया। इस घटना ने मौजूद लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार अप्रत्याशित था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पंचायत में मौजूद कुछ लोगों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन तब तक सभासद को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ चुका था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है।
सभासद का पक्ष: ससुर की सेवा का दावा
सभासद गिर्राज कुशवाह का कहना है कि उन्होंने अपने ससुर बदनी कुशवाह की जीवनभर सेवा की थी, इसलिए ससुर ने स्वेच्छा से अपनी संपत्ति का रजिस्टर्ड वसीयतनामा उनकी पत्नी प्रेमवती के नाम किया था। उनका कहना है कि सालियां केवल प्रॉपर्टी में हिस्सा चाहती हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में अब पूरी संपत्ति कानूनी रूप से उनके नाम है।
गिर्राज ने यह भी दावा किया है कि वसीयत में जो शर्तें रखी गई थीं, उनका वे पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और अपनी सास अंगूरी देवी की देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने सालियों पर झूठे आरोप लगाने और उनकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती करने का आरोप लगाया है।