हिरासत में थप्पड़ और भूखा रखने का आरोप: रन्या राव ने DRI को लिया आड़े हाथों!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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हिरासत में थप्पड़ और भूखा रखने का आरोप: रन्या राव ने DRI को लिया आड़े हाथों!

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Photo Credit: ranya rao


सोने की तस्करी (Gold Smuggling) के एक हाई-प्रोफाइल मामले में फंसी कन्नड़ अभिनेत्री रन्या राव (Ranya Rao) ने एक बार फिर राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रन्या का दावा है कि हिरासत (Custody) के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, जिसने न केवल उनके प्रशंसकों बल्कि आम जनता को भी हैरान कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें थप्पड़ मारे गए, भूखा रखा गया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। यह खबर सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक चर्चा का विषय बन गई है, और लोग इस मामले में सच्चाई जानने के लिए उत्सुक हैं। आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं और देखते हैं कि आखिर क्या है पूरा माजरा।

रन्या राव, जो कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री (Kannada Film Industry) में एक जाना-माना नाम हैं, हाल ही में दुबई से सोने की तस्करी (Gold Smuggling Case) के आरोप में गिरफ्तार हुई थीं। बेंगलुरु हवाई अड्डे (Bengaluru Airport) पर 14.8 किलोग्राम सोने के साथ पकड़े जाने के बाद उन्हें DRI अधिकारियों ने हिरासत में लिया। तीन दिनों तक चली पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। रन्या ने भावुक होते हुए बताया कि हिरासत में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, "मुझे थप्पड़ मारे गए, कई घंटों तक भूखा रखा गया और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।" यह सुनकर कोर्ट में मौजूद लोग भी स्तब्ध रह गए। रन्या ने यह भी आरोप लगाया कि DRI अधिकारी उन्हें अज्ञात जगहों पर ले गए और मानसिक दबाव बनाया।

इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ रन्या के समर्थक उनके साथ हुई इस कथित ज्यादती (Alleged Misconduct) के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ DRI ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रन्या के खिलाफ ठोस सबूत हैं और उनकी गिरफ्तारी नियमों के तहत हुई। उन्होंने यह भी दावा किया कि पूछताछ के दौरान सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी थीं और किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ। लेकिन रन्या की बातों ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है। क्या वाकई में जांच एजेंसियां (Investigation Agencies) अपनी सीमा लांघ रही हैं, या यह रन्या की ओर से ध्यान भटकाने की कोशिश है? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।

रन्या राव कोई आम शख्सियत नहीं हैं। वह सीनियर आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं, जिसके चलते यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है। सोने की तस्करी के इस मामले में एक और शख्स की गिरफ्तारी भी हुई है, जिससे जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क (International Smuggling Network) से जुड़ा हो सकता है। लेकिन रन्या के आरोपों ने जांच की निष्पक्षता (Fairness of Investigation) पर सवालिया निशान लगा दिया है। कई लोग यह भी पूछ रहे हैं कि अगर उनके साथ ऐसा व्यवहार हुआ, तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा?

इस घटना का असर रन्या के करियर और उनकी सार्वजनिक छवि (Public Image) पर भी पड़ सकता है। उनके प्रशंसक सोशल मीडिया पर #JusticeForRanya जैसे हैशटैग के साथ समर्थन जता रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे महज एक ड्रामा मान रहे हैं। लेकिन सच जो भी हो, यह मामला कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर बहस छेड़ चुका है। कोर्ट ने रन्या को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है, और अब सबकी नजर इस बात पर है कि आगे की सुनवाई में क्या खुलासे होते हैं।