भूकंप से फिर कांपा सुंदर नगर, लगातार झटकों ने बढ़ाई टेंशन

Himachal Pradesh Earthquake : हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर प्रकृति के रौद्र रूप का गवाह बना। रविवार की सुबह, जब लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे, अचानक धरती कांप उठी। भूकंप के इन झटकों ने न केवल लोगों को दहशत में डाला, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या हम ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार हैं? आइए, इस घटना को करीब से समझते हैं और जानते हैं कि मंडी में क्या हुआ।
सुबह-सुबह मंडी में भूकंप का कहर
रविवार की सुबह 9:18 बजे, मंडी जिले के सुंदर नगर के जयदेवी इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र धरती की सतह से सिर्फ 5 किलोमीटर नीचे था, जिसके कारण झटके स्पष्ट रूप से महसूस हुए। जैसे ही धरती डोली, लोग अपने घरों से बाहर की ओर भागे। बच्चे, बुजुर्ग और युवा, सभी के चेहरों पर डर साफ दिखाई दे रहा था। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई।
मंडी क्यों है भूकंप का शिकार?
मंडी, हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत जिला, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। लेकिन यह इलाका भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील भी है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सिस्मिक जोन IV और V में आता है, जहां भूकंपीय गतिविधियां आम हैं। मंडी के साथ-साथ चंबा, कांगड़ा, लाहौल और कुल्लू जैसे जिले भी इस जोखिम की जद में हैं। इसका कारण है हिमालय की भौगोलिक संरचना, जो टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से प्रभावित होती है। इस साल जनवरी और फरवरी में भी मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
लोगों में डर
भूकंप के झटके भले ही हल्के थे, लेकिन इनका असर लोगों के मन पर गहरा हुआ। सुंदर नगर के निवासी रमेश शर्मा ने बताया, “सुबह जब झटके महसूस हुए, तो हम सब डर गए। बच्चे रोने लगे और हम तुरंत बाहर भागे।” वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी मीना देवी ने कहा कि ऐसी घटनाएं अब आम हो गई हैं, लेकिन हर बार डर लगता है। राहत की बात यह है कि प्रशासन ने तुरंत स्थिति का जायजा लिया और किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई। फिर भी, लोगों में यह सवाल बना हुआ है कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है?