ईडी ने 12,000 करोड़ रुपये के बीएमसी कोविड घोटाले में कई स्थानों पर की छापेमारी

Photo Credit: ians
नई दिल्ली | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को 12,000 करोड़ रुपये के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कोविड घोटाले से जुड़े धन शोधन निवारण मामले में मुंबई में 15 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। एक सूत्र के अनुसार, छापेमारी में बीएमसी अधिकारियों, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य लोगों को टारगेट किया गया है, जो शहर में कोविड से संबंधित बुनियादी ढांचा स्थापित करने में शामिल थे। इससे पहले ईडी ने इस मामले में कथित आरोपी इकबाल चहल से पूछताछ की थी।
सूत्र ने कहा, हम उद्धव ठाकरे के करीबी एक आईएएस अधिकारी सहित लोगों के परिसरों पर छापेमारी कर रहे हैं। सुजीत पाटकर और सूरज चणव उन लोगों में शामिल हैं, जिनके यहां छापेमारी की जा रही है।
दो दिन पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की।
पिछले साल, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक विशेष जांच की और नागरिक निकाय के खर्चो में 12,024 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी का खुलासा किया।
कैग ऑडिट के निष्कर्षो के जवाब में, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर के नेतृत्व में एक एसआईटी की स्थापना की। एसआईटी में आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी और शहर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसका उद्देश्य सीएजी द्वारा पहचानी गई वित्तीय अनियमितताओं की आगे जांच करना है।
ईडी ने फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सूत्र ने कहा, हम उद्धव ठाकरे के करीबी एक आईएएस अधिकारी सहित लोगों के परिसरों पर छापेमारी कर रहे हैं। सुजीत पाटकर और सूरज चणव उन लोगों में शामिल हैं, जिनके यहां छापेमारी की जा रही है।
दो दिन पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की।
पिछले साल, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक विशेष जांच की और नागरिक निकाय के खर्चो में 12,024 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी का खुलासा किया।
कैग ऑडिट के निष्कर्षो के जवाब में, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर के नेतृत्व में एक एसआईटी की स्थापना की। एसआईटी में आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी और शहर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसका उद्देश्य सीएजी द्वारा पहचानी गई वित्तीय अनियमितताओं की आगे जांच करना है।
ईडी ने फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।