Eid Chand Raat: रमजान की आखिरी रात खरीदारी से गुलजार रहता है हैदराबाद

हैदराबाद: रमजान के पवित्र महीने की आखिरी रात, जिसे चांद रात के नाम से जाना जाता है, हैदराबाद में खरीदारी से गुलजार रहती है। चारमीनार, लाड बाजार, बेगम बाजार, और सुल्तान बाजार जैसे बाजारों में देर रात तक खरीदारों की भीड़ उमड़ती है।
लोग कपड़े, जूते, गहने, इत्र, और मिठाइयां खरीदते हैं। कई लोग अपने घरों को सजाने के लिए सामान भी खरीदते हैं। चांद रात को लोग रात भर इबादत करते हैं और अगले दिन ईद का त्यौहार मनाते हैं।
हैदराबाद में चांद रात की खरीदारी का एक विशेष महत्व है। यह एक ऐसा समय है जब परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं और त्यौहार की तैयारी करते हैं।
पुराने शहर का अपना संपन्न इस्लामिक इतिहास व सांस्कृतिक विरासत है। यहां रमजान के दौरान दुकानें हरदम खुली रहती हैं। पुरुष, बुर्काधारी महिलाएं व बच्चे ईद के लिए यथासंभव खरीददारी करने की कोशिश करते हैं। ईद के साथ यह पवित्र महीना संपन्न हो जाता है।
खचाखच भरे बाजार, चमचमाती दुकानें, होटलों और भोजनालयों से कव्वाली की आवाजें, हलीम की खुशबू, सेफ्टी पिन से लेकर इत्र तक बेचने वालों की आवाजें, चारमीनार के आसपास के इलाके में एक अलग नजारा पेश करते हैं।
जैसे ही कोई मुसी नदी पार कर पुराने शहर में प्रवेश करता है, मदीना भवन से चारमीनार की सड़क व आसपास के बाजार खरीददारों से भरे रहते हैं, ये खरीददार सिर्फ शहर व तेलंगाना से नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र से भी आते हैं।
महीने भर लंबा रमजान का उत्सव अपने चरम पर अंतिम अशरा (10 दिनों) में पहुंचता है। यदि पहले 20 दिनों के व्यापार में खजूर, फल, सूखे मेवे, खाने की सामग्री, किराने के सामान, सिर की टोपी, इत्र व सुरमा का आधिक्य रहता है तो अंतिम दिनों में कपड़े, जूते, चूड़िया, आभूषण, मेहंदी, क्रॉकरी व घरेलू सामानों की बिक्री होती है।
सूखे फल के व्यापारियों का कारोबार तेजी पर होता है और सेवइयों की भारी मांग होती है। बहुत से खरीदार अपनी खरीदारी का अंत होटलों में 'शार' के साथ करते हैं, जिसमें वह हलीम, बिरयानी कबाब और दूसरे व्यंजनों का आनंद लेते हैं।