किसान की बेटी ने किया कमाल: SSC CGL में 14वीं रैंक, बनेंगी अफसर!

बिहार के रोहतास जिले के नोखा प्रखंड में एक छोटे से स्कूल की छात्रा नेहा त्रिपाठी ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसने सबका दिल जीत लिया। नेहा ने एसएससी सीजीएल परीक्षा 2024 में 14वीं रैंक हासिल की और केंद्रीय सचिवालय सेवा में अधिकारी के पद पर चयनित हुईं। इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि ऑक्शन कॉन्वेंट स्कूल और पूरे रोहतास जिले का नाम रोशन कर दिया। नेहा की यह उपलब्धि उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो सीमित संसाधनों के बीच भी बड़े सपने देखते हैं।
किसान पिता की बेटी का सपना
नेहा के पिता धनंजय त्रिपाठी एक साधारण किसान हैं। खेतों में दिन-रात मेहनत करते हुए उन्होंने कभी अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। सीमित आय और संसाधनों के बावजूद उन्होंने नेहा के सपनों को पंख देने के लिए हर संभव कोशिश की। धनंजय जी का मानना था कि पढ़ाई ही वह रास्ता है, जो उनकी बेटी को बेहतर जिंदगी दे सकता है। उनकी मेहनत और समर्पण ने आज नेहा को इस मुकाम तक पहुंचाया, जहां वे गर्व से अपने पिता का सिर ऊंचा कर रही हैं।
मां के प्यार ने दी ताकत
नेहा की मां मंजू त्रिपाठी एक गृहिणी हैं, जिन्होंने घर संभालते हुए अपनी बेटी को हमेशा हौसला दिया। मंजू जी ने नेहा की छोटी-छोटी जरूरतों का ख्याल रखा और उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। घर में साधारण माहौल होने के बावजूद उन्होंने नेहा को यह एहसास दिलाया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मां के इस प्यार और समर्थन ने नेहा को वह ताकत दी, जिसकी वजह से वह आज इस ऊंचाई पर पहुंची हैं।
ऑक्शन कॉन्वेंट स्कूल की शान
नेहा ने अपनी पढ़ाई नोखा प्रखंड के ऑक्शन कॉन्वेंट स्कूल से शुरू की थी। यह स्कूल भले ही बड़ा नाम न हो, लेकिन नेहा की सफलता ने इसे हर किसी की जुबान पर ला दिया। स्कूल के शिक्षकों और प्रबंधन ने भी नेहा की इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। शिक्षकों का कहना है कि नेहा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार और मेहनती थी। उसकी लगन और अनुशासन ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। स्कूल के लिए यह गर्व की बात है कि उनकी छात्रा ने देश की इतनी बड़ी परीक्षा में अपनी जगह बनाई।
मेहनत और लगन का फल
नेहा की सफलता की कहानी किसी परीकथा से कम नहीं है। एक साधारण परिवार से आने वाली इस लड़की ने दिन-रात मेहनत करके अपने सपनों को सच कर दिखाया। एसएससी सीजीएल जैसी कठिन परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन नेहा ने हार नहीं मानी। उसने अपनी पढ़ाई को हमेशा पहली प्राथमिकता दी और हर मुश्किल को पार करते हुए यह मुकाम हासिल किया। नेहा का कहना है कि यह सफलता सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि उसके माता-पिता और शिक्षकों की मेहनत का नतीजा है।
जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत
नेहा की इस उपलब्धि ने रोहतास जिले के हर कोने में खुशी की लहर फैला दी है। लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि नेहा ने यह साबित कर दिया कि अगर दिल में कुछ करने की ठान लो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। खासकर ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए नेहा एक मिसाल बन गई हैं। उनकी कहानी बताती है कि सीमित संसाधनों के बीच भी मेहनत और लगन से बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है। नेहा अब जिले की बेटियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।