रमज़ान में GF ने किया सेक्स से इंकार, बहाने से 13 साल के बच्चे को बुलाया, कुकर्म कर गला घोंटा!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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रमज़ान में GF ने किया सेक्स से इंकार, बहाने से 13 साल के बच्चे को बुलाया, कुकर्म कर गला घोंटा!

Knp

Photo Credit: Social Media


कानपुर के बिल्हौर इलाके में मकनपुर नाम की जगह पर एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहाँ एक प्रॉपर्टी डीलर के 13 साल के मासूम बेटे की हत्या का मामला सामने आया। पुलिस ने इस गुनाह की गुत्थी सुलझा ली है और हत्यारे को पकड़ लिया है। हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि गाँव के प्रधान का भांजा निकला। इस हत्या के पीछे की वजह इतनी चौंकाने वाली है कि सुनकर हर कोई हैरान रह गया। यह घटना न सिर्फ क्रूरता की मिसाल है, बल्कि इंसान की सोच कितनी नीचे गिर सकती है, इसका भी सबूत देती है। पुलिस ने अपनी तफ्तीश में जो खुलासे किए, वे किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकते हैं।

हवस ने बनाया हत्यारा

इस मासूम किशोर की हत्या के पीछे का कारण बेहद डरावना और शर्मनाक है। पुलिस की जाँच में पता चला कि हत्यारे अज्जू और उसके साथी हुसैनी की गलत नियत ने इस वारदात को अंजाम दिया। रमजान का पवित्र महीना चल रहा था और इस दौरान अज्जू की पत्नी और हुसैनी की प्रेमिका ने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया था। इस बात से दोनों की हवस इतनी बढ़ गई कि उन्होंने अपनी गंदी सोच को मासूम किशोर पर उतार दिया। दोनों ने मिलकर एक साजिश रची और किशोर को बहाने से अपने जाल में फँसा लिया। यह सोचकर ही मन सिहर उठता है कि कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है।

बहाने से बुलाकर किया कुकर्म

अज्जू और हुसैनी ने किशोर को लालच देकर बुलाया। उन्होंने उसे एक महिला मित्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने का झाँसा दिया। मासूम किशोर को क्या पता था कि यह उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। दोनों ने पहले किशोर के साथ गलत हरकत की और फिर अपनी करतूत को छिपाने के लिए उसकी जान ले ली। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रस्सी से किशोर का गला घोंट दिया। यह क्रूरता किसी भी इंसान के दिल को झकझोर सकती है। एक 13 साल का बच्चा, जो अभी जिंदगी की शुरुआत भी नहीं कर पाया था, उसे इस तरह मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।

शातिर अपराधी की चाल

अज्जू कोई साधारण अपराधी नहीं था। वह इतना चालाक था कि हत्या के बाद भी बचने की पूरी कोशिश कर रहा था। पुलिस को पता चला कि वह अपनी पत्नी और कुछ वकीलों के संपर्क में था। उसकी योजना कोर्ट में सरेंडर करने की थी, ताकि वह आसानी से कानून के शिकंजे से बच सके। लेकिन पुलिस ने उसकी चाल को नाकाम कर दिया। उसे पकड़ने के लिए एक महिला दारोगा ने खास तरकीब अपनाई। उसने बुर्का पहनकर तीन दिनों तक मुस्लिम बहुल इलाके में छानबीन की और आखिरकार अज्जू को धर दबोचा। यह पुलिस की सूझबूझ और मेहनत का नतीजा था कि हत्यारा सलाखों के पीछे पहुँच गया।

अज्जू का अंधेरा अतीत

अज्जू की जिंदगी भी कम हैरान करने वाली नहीं है। वह पेशे से राज मिस्त्री का काम करता था। उसने अपनी जिंदगी में तीन शादियाँ कीं। पहली दो पत्नियों से उसका तलाक हो चुका है, जबकि तीसरी पत्नी के साथ उसके दो बच्चे हैं। इस घटना के बाद अज्जू अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मकनपुर से फरार हो गया था। वह पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश में था, लेकिन आखिरकार कानून के हत्थे चढ़ ही गया। उसका यह अतीत बताता है कि उसकी जिंदगी में पहले से ही उलझनें थीं, जो शायद उसे इस गलत रास्ते पर ले गईं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसकी गलती को माफ किया जा सके।

पुलिस की मेहनत रंग लाई

इस मामले को सुलझाने में पुलिस ने दिन-रात एक कर दिया। खास तौर पर महिला दारोगा की सूझबूझ ने सबका ध्यान खींचा। उसने बुर्का पहनकर जिस तरह इलाके में जाँच की, वह अपने आप में एक मिसाल है। तीन दिन तक लगातार मेहनत करने के बाद पुलिस को कामयाबी मिली और अज्जू को गिरफ्तार कर लिया गया। हुसैनी भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। इस घटना ने पुलिस की तारीफ तो करवाई, लेकिन साथ ही समाज में कई सवाल भी खड़े किए। आखिर एक मासूम बच्चे को इस तरह निशाना बनाने की सोच कहाँ से आती है? यह एक ऐसी सच्चाई है, जिस पर गहराई से सोचने की जरूरत है।

समाज पर छाया दुख का बादल

इस घटना ने मकनपुर के लोगों को सदमे में डाल दिया। एक प्रॉपर्टी डीलर का बेटा, जो अपने परिवार का इकलौता चिराग था, उसे इस तरह खो देना किसी भी माँ-बाप के लिए सबसे बड़ा दुख है। गाँव में हर तरफ मातम का माहौल है। लोग इस बात से हैरान हैं कि उनके बीच रहने वाला कोई शख्स इतना क्रूर कैसे हो सकता है। इस हत्या ने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ा, बल्कि पूरे समाज में डर और गुस्सा भर दिया। लोग अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यह घटना एक चेतावनी भी है कि हमें अपने आसपास के लोगों पर नजर रखने की जरूरत है।

क्या है आगे का रास्ता?

अब जबकि हत्यारे पकड़े जा चुके हैं, सबकी नजरें कानून पर टिकी हैं। लोग चाहते हैं कि इस मामले में सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि कोई दूसरा ऐसा करने की हिम्मत न करे। यह घटना समाज के लिए एक सबक भी है। हमें अपने बच्चों को सही और गलत की पहचान सिखानी होगी। साथ ही, ऐसी गंदी सोच को खत्म करने के लिए जागरूकता फैलानी होगी। यह सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि इंसानियत पर सवाल उठाने वाली घटना है। अब वक्त आ गया है कि हम सब मिलकर ऐसी वारदातों को रोकने के लिए कदम उठाएँ।