होली 14 या 15 मार्च को? त्यौहार की सही तारीख जानकर चौंक जाएंगे आप!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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होली 14 या 15 मार्च को? त्यौहार की सही तारीख जानकर चौंक जाएंगे आप!

Holi

Photo Credit: UPUKLive AI


होली का रंगों भरा त्यौहार हर साल हमारे दिलों में खुशियों की बौछार ले आता है। यह वो मौका है जब लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, गीत गाते हैं और प्यार भरे पलों को साथ में जीते हैं। लेकिन हर बार की तरह इस साल भी लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि होली आखिर कब मनाई जाएगी? क्या यह 14 मार्च को होगी या फिर 15 मार्च को? यह उलझन हर साल देखने को मिलती है क्योंकि होली की तारीख पंचांग और क्षेत्रीय परंपराओं पर निर्भर करती है। इस बार भी लोगों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि रंगों का यह त्यौहार कब अपनी पूरी शान के साथ आएगा। तो चलिए, इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं और जानते हैं कि 2025 में होली की सही तारीख क्या है।

होली हमारे देश का एक ऐसा त्यौहार है जो हर उम्र और हर वर्ग के लोगों को जोड़ता है। बच्चे हों या बड़े, हर कोई इस दिन रंगों में डूबकर मस्ती करना चाहता है। लेकिन इस मस्ती से पहले यह जानना जरूरी है कि त्यौहार की सही तारीख क्या है ताकि तैयारी पूरी हो सके। रंग, गुलाल, पिचकारी और गुजिया की खरीदारी तो पहले से शुरू हो जाती है, लेकिन सही दिन का इंतजार सबको रहता है। इस बार पंचांग के हिसाब से होली की तारीख तय हो चुकी है और अब इसकी पुष्टि भी हो गई है।

होलिका दहन का दिन और उसकी खासियत

होली का त्यौहार दो दिनों तक चलता है। पहला दिन होता है होलिका दहन का, जिसे छोटी होली भी कहते हैं। इस दिन लोग लकड़ियों का ढेर लगाकर आग जलाते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं। यह परंपरा प्रह्लाद और होलिका की कहानी से जुड़ी है, जिसमें भक्त प्रह्लाद की भक्ति ने उसे आग से बचा लिया था और होलिका जल गई थी। इस बार होलिका दहन 13 मार्च 2025 को होगा। यह दिन गुरुवार को पड़ रहा है और शाम के समय लोग अपने घरों के बाहर या मोहल्ले में इकट्ठा होकर इस रस्म को निभाएंगे।

होलिका दहन की रात में चारों तरफ खुशी का माहौल होता है। लोग गीत गाते हैं, नाचते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। इस दिन को खास बनाने के लिए कई जगहों पर पहले से तैयारी शुरू हो जाती है। लकड़ियां जमा की जाती हैं और पूजा का सामान तैयार किया जाता है। यह रात न सिर्फ बुराई को जलाने का प्रतीक है, बल्कि अगले दिन की रंगीन मस्ती की शुरुआत भी करती है।

रंगवाली होली की सही तारीख

होलिका दहन के अगले दिन रंगवाली होली मनाई जाती है, जिसे लोग बड़े चाव से इंतजार करते हैं। इस दिन सुबह से ही घरों में रंग और पिचकारी की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। बच्चे अपने दोस्तों के साथ बाहर निकलते हैं और हर तरफ रंगों की बौछार होने लगती है। इस बार रंगवाली होली 14 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन शुक्रवार को पड़ रहा है, जो ज्यादातर जगहों पर होली का मुख्य दिन होगा। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी। इसलिए 14 मार्च को ही रंगों का यह त्यौहार पूरे जोश के साथ मनाया जाएगा।

हालांकि, कुछ जगहों पर होली की तारीख को लेकर थोड़ा अंतर देखने को मिल सकता है। उदाहरण के लिए, काशी जैसे कुछ शहरों में होली एक दिन पहले यानी 14 मार्च को मनाई जाती है, जबकि बाकी जगहों पर 15 मार्च को भी उत्सव जारी रह सकता है। यह अंतर स्थानीय परंपराओं और उदया तिथि के आधार पर होता है। लेकिन देश के ज्यादातर हिस्सों में 14 मार्च ही होली का मुख्य दिन रहेगा।

होली का त्यौहार क्यों है खास

होली सिर्फ रंगों का त्यौहार नहीं है, यह प्यार, एकता और खुशियों का भी प्रतीक है। इस दिन लोग पुरानी नाराजगियों को भूलकर एक-दूसरे के गले लगते हैं। गुलाल और रंगों से सजा यह त्यौहार हर दिल को जोड़ता है। चाहे दोस्त हों, परिवार हो या फिर अनजान लोग, सब एक-दूसरे पर रंग डालकर खुशी बांटते हैं। इस दिन खाने-पीने का भी खास इंतजाम होता है। गुजिया, मालपुआ, ठंडाई और पकौड़े जैसी चीजें हर घर में बनती हैं और मेहमानों के साथ बांटी जाती हैं।

होली का एक और खास पहलू है इसका बदलाव के साथ जुड़ाव। यह सर्दियों के खत्म होने और वसंत के आने का संकेत देता है। प्रकृति भी इस मौके पर रंगों से सजती है। पेड़ों पर नई पत्तियां आती हैं और फूल खिलने लगते हैं। इसीलिए होली को वसंत का स्वागत करने वाला त्यौहार भी कहा जाता है। यह नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आता है।

अलग-अलग जगहों पर होली की रौनक

होली पूरे भारत में मनाई जाती है, लेकिन हर जगह इसका अंदाज जुदा होता है। मथुरा और वृंदावन में होली का उत्सव कई दिनों तक चलता है। वहां फूलों की होली और लठमार होली मशहूर है। बरसाना में महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं और यह देखने में बड़ा मजेदार होता है। वहीं, पंजाब में होला मोहल्ला के नाम से लोग घोड़ों पर सवार होकर जश्न मनाते हैं। हर जगह की अपनी परंपरा और रंग है जो होली को और खास बनाता है।

शहरों में भी होली की धूम कम नहीं होती। लोग पार्टियों का आयोजन करते हैं, जहां संगीत और नाच-गाना होता है। बच्चे पानी के गुब्बारे और पिचकारी लेकर सड़कों पर निकल पड़ते हैं। हर तरफ रंगों की छटा बिखर जाती है और माहौल खुशहाल हो जाता है। यह त्यौहार हमें जिंदगी के हर रंग को अपनाने की सीख देता है।

होली की तैयारी कैसे करें

होली का मजा तब दोगुना हो जाता है जब हम इसकी तैयारी अच्छे से करते हैं। रंग और गुलाल खरीदने से लेकर घर में मिठाइयां बनाने तक, हर काम में एक अलग उत्साह होता है। बच्चों के लिए पिचकारी और गुब्बारे पहले से तैयार कर लिए जाते हैं। कपड़ों का चुनाव भी खास होता है, क्योंकि रंगों से सने कपड़े यादगार बन जाते हैं। इस बार 14 मार्च को अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस त्यौहार को खुलकर मनाएं।

होली का असली मजा इसके साथ जुड़ी भावनाओं में है। यह हमें सिखाती है कि जिंदगी में रंग भरने के लिए प्यार और खुशी सबसे जरूरी हैं। तो इस बार होली पर रंगों के साथ-साथ अपने दिलों को भी रंगीन बनाएं।