पति ने मांगा पत्नी का वर्जिनिटी टेस्ट, हाईकोर्ट ने दिया ऐसा जवाब कि सब हैरान!

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सुनने में जितना अटपटा लगता है, उतना ही सोचने पर मजबूर कर देता है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी की वर्जिनिटी टेस्ट करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने न सिर्फ इस मांग को ठुकरा दिया, बल्कि पति को कड़े शब्दों में फटकार भी लगाई। यह घटना आज के दौर में महिलाओं के सम्मान और अधिकारों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। आइए, इस पूरे मामले को करीब से समझते हैं।
कोर्ट ने क्यों ठुकराई मांग?
रायगढ़ के इस मामले में पति ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह पत्नी की "पवित्रता" को परखना चाहता है। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि वर्जिनिटी टेस्ट जैसी मांग न सिर्फ असंवैधानिक है, बल्कि यह एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कदम भी है। जजों ने अपने फैसले में जोर देकर कहा कि भारतीय संविधान हर इंसान को सम्मान और निजता का अधिकार देता है, और इस तरह की मांग मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। कोर्ट ने पति को हिदायत दी कि वह ऐसी सोच को छोड़कर समाज के बदलते तौर-तरीकों को अपनाए।
समाज में उठते सवाल
यह मामला सिर्फ एक पति-पत्नी के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि यह उस पुरानी मानसिकता को दर्शाता है, जो आज भी कुछ लोगों के दिमाग में जड़ें जमाए हुए है। क्या किसी की निजता को इस तरह परखना जायज है? क्या महिलाओं को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जाए, क्योंकि समाज में अभी भी रूढ़िवादी सोच हावी है? हाईकोर्ट का यह फैसला न सिर्फ उस महिला के लिए राहत की सांस लेकर आया, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए एक मिसाल बन गया, जो महिलाओं के सम्मान को हल्के में लेते हैं।