अबू आज़मी का विवादित बयान, बोले- अगर हिन्दू औरंगजेब के खिलाफ होते तो 34 फीसदी हिन्दू उनके साथ नहीं होते

महाराष्ट्र में एक बार फिर से इतिहास को लेकर सियासी बवाल मच गया है। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आजमी ने न केवल औरंगजेब को क्रूर शासक मानने से इनकार किया, बल्कि उन्हें एक अच्छा प्रशासक भी बताया। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अबू आजमी के दावे
अबू आजमी ने अपने बयान में कहा, "औरंगजेब को हिंदू विरोधी बताना गलत है। उनकी प्रशासनिक व्यवस्था में 34 प्रतिशत हिंदू थे और उनके कई सलाहकार भी हिंदू थे। अगर औरंगजेब ने मंदिर तोड़े तो मस्जिदें भी तोड़ीं। यह सच है कि उनके शासन में भारत 'सोने की चिड़िया' था।" आजमी ने यह भी कहा कि उस समय के शासकों के बीच संघर्ष सत्ता और संपत्ति को लेकर होता था, न कि धर्म को लेकर।
एकनाथ शिंदे का पलटवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अबू आजमी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना सबसे बड़ा पाप है। अबू आजमी को माफी मांगनी चाहिए और उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।"
विवाद का विस्तार
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। शिवसेना के सांसद नरेश म्हास्के ने पुलिस थाने में जाकर अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कराने की मांग की है। वहीं, कैबिनेट मंत्री योगेश कदम ने कहा कि आजमी ऐसे बयान चर्चा में बने रहने के लिए देते हैं।