आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्ती, पाकिस्तानी नागरिकों की हो रही वापसी

Pahalgam Terrorist Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को गहरा कर दिया है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने एक अभूतपूर्व और सख्त फैसला लिया है। सरकार ने भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 24 घंटे के भीतर देश छोड़कर पाकिस्तान लौटने का आदेश दिया है। इस फैसले ने अटारी-वाघा सीमा पर जबरदस्त हलचल मचा दी है, जहां सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक अपने सामान के साथ वापसी की तैयारी में जुटे हैं।
आतंकी हमले ने बढ़ाई कड़वाहट
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोरा, बल्कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में भी नई खटास पैदा कर दी है। हमले की खबर फैलते ही सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यह कड़ा कदम उठाया। अटारी-वाघा सीमा पर लौट रहे पाकिस्तानी नागरिकों के चेहरों पर निराशा और हताशा साफ झलक रही है। कई लोग, जो भारत घूमने या अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे, इस अचानक आदेश से स्तब्ध हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों की आपबीती
कराची से आए एक पर्यटक, मोहम्मद अली, ने अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, "हम 45 दिन के वीजा पर भारत आए थे। सपना था कि ताजमहल देखेंगे, दिल्ली की गलियों में घूमेंगे, लेकिन कुछ ही दिन हुए और हमें वापस लौटने का आदेश मिल गया।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच शांति बनी रहे। इसी तरह, लाहौर की सायरा बेगम ने कहा, "हम भारत की मेहमाननवाजी से बहुत खुश थे, लेकिन इस घटना ने सब कुछ बदल दिया। हम प्रार्थना करते हैं कि दोषियों को जल्द सजा मिले।"
भारतीय नागरिकों का गुस्सा और समर्थन
देश के विभिन्न हिस्सों से अटारी-वाघा सीमा पर मौजूद भारतीय नागरिकों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। दिल्ली के रहने वाले राकेश शर्मा ने कहा, "मोदी सरकार का यह फैसला बिल्कुल सही है। आतंकवाद के खिलाफ सख्ती जरूरी है।" वहीं, कई स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस मामले में और कड़े कदम उठाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सीमा बंद होने से भारतीयों की परेशानी
हालांकि, इस फैसले से कुछ भारतीय नागरिक भी परेशान हैं। अमृतसर की रहने वाली सीमा कौर ने अपनी व्यथा साझा करते हुए बताया, "मेरी बहन पाकिस्तान में रहती है और उसकी तबीयत बहुत खराब है। मैं उससे मिलने जा रही थी, लेकिन अब सीमा बंद होने की वजह से मुझे वापस लौटना पड़ रहा है।" उन्होंने सवाल उठाया, "अगर हमें जाना ही नहीं था, तो वीजा क्यों दिया गया?" सीमा जैसे कई भारतीय नागरिक इस फैसले से प्रभावित हुए हैं, जो अपने रिश्तेदारों से मिलने की उम्मीद में सीमा पर पहुंचे थे।