क्या सच में मिल रही है फ्री स्कूटी? छात्राओं के बीच मचा हड़कंप, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे

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क्या सच में मिल रही है फ्री स्कूटी? छात्राओं के बीच मचा हड़कंप, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे

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Photo Credit: Social Media


सोशल मीडिया का जमाना है, जहां हर दिन नई-नई खबरें और दावे तैरते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इनमें से कितनी खबरें सच हैं? इन दिनों एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार 'प्रधानमंत्री मुफ्त स्कूटी योजना' के तहत कॉलेज छात्राओं को मुफ्त स्कूटी बांट रही है। आकर्षक मैसेज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों के साथ यह दावा व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर खूब शेयर किया जा रहा है। लेकिन क्या यह सच है? आइए, इस दावे की सच्चाई को करीब से जानते हैं और समझते हैं कि ऐसे फर्जी दावों से कैसे सावधान रहना चाहिए।

'मुफ्त स्कूटी योजना' का वायरल दावा

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज खूब चर्चा में है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कॉलेज में पढ़ने वाली सभी छात्राओं के लिए 'प्रधानमंत्री मुफ्त स्कूटी योजना' शुरू की है, जिसके तहत हर छात्रा को मुफ्त स्कूटी दी जाएगी। इस दावे को और विश्वसनीय बनाने के लिए प्रधानमंत्री की तस्वीरें और सरकारी लोगो का इस्तेमाल किया जा रहा है। व्हाट्सएप ग्रुप्स से लेकर फेसबुक पोस्ट तक, यह मैसेज तेजी से फैल रहा है, और कई लोग इसे सच मानकर उत्साहित हो रहे हैं। लेकिन क्या यह योजना वाकई में मौजूद है, या यह सिर्फ एक और फर्जी प्रचार है?

सच्चाई सामने आई: पीआईबी ने खोली पोल

इस वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के फैक्ट चेक विभाग ने जांच की। पीआईबी ने साफ तौर पर बताया कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कोई 'मुफ्त स्कूटी योजना' नहीं चल रही है। यह दावा पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है। पीआईबी ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर आने वाले ऐसे मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। सही और विश्वसनीय जानकारी के लिए पीआईबी के आधिकारिक एक्स हैंडल (@PIBFactCheck) या संबंधित सरकारी मंत्रालयों की वेबसाइट्स पर जाएं। यह पहली बार नहीं है जब ऐसा फर्जी दावा सामने आया है; पिछले साल भी एक यूट्यूब वीडियो में इसी तरह का झूठा प्रचार किया गया था, जिसे पीआईबी ने खारिज कर दिया था।


पहले भी फैली थी ऐसी अफवाहें

यह कोई नई बात नहीं है कि सोशल मीडिया पर फर्जी योजनाओं के नाम पर लोगों को गुमराह किया जाए। पिछले साल भी एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को मुफ्त स्कूटी बांट रही है। उस समय भी यह खबर झूठी निकली थी, और पीआईबी ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज किया था। ऐसे दावों का मकसद अक्सर लोगों को लुभाकर उनकी निजी जानकारी चुराना या फर्जी लिंक्स के जरिए ठगी करना होता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम हर मैसेज की सत्यता को परखें और बिना जांचे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें।