ममता का योगी पर सनसनीखेज हमला: 'सबसे बड़ा भोगी' बयान ने मचाया बवाल!

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ममता का योगी पर सनसनीखेज हमला: 'सबसे बड़ा भोगी' बयान ने मचाया बवाल!

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Photo Credit: ians


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है। कोलकाता में आयोजित एक इमाम सम्मेलन में ममता ने योगी को "सबसे बड़ा भोगी" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार विपक्षी नेताओं को रैलियां करने की अनुमति नहीं देती, जबकि पश्चिम बंगाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बरकरार है। यह बयान उस समय आया जब दोनों राज्यों के बीच सियासी तनातनी चरम पर है। ममता के इस बयान ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में राजनीतिक हलचल मचा दी है।

योगी पर ममता के आरोप: क्या है पूरा मामला?

ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर की घटनाएं आम हो गई हैं और योगी सरकार इनके जरिए अपने विरोधियों को दबाने का काम कर रही है। ममता ने कहा, "योगी ने कितनों का एनकाउंटर करवाया? यह सब देश देख रहा है।" इसके विपरीत, उन्होंने पश्चिम बंगाल को स्वतंत्रता और लोकतंत्र का गढ़ बताया, जहां हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। ममता का यह बयान स्पष्ट रूप से योगी सरकार की कार्यशैली पर सीधा हमला है।

सियासी बयानबाजी का बढ़ता दौर

यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा हो। दोनों नेताओं के बीच पहले भी कई बार तीखी बयानबाजी हो चुकी है। खास तौर पर, लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही दोनों राज्यों के बीच सियासी तनाव बढ़ता जा रहा है। ममता की तृणमूल कांग्रेस और योगी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच यह जुबानी जंग अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। ममता के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने भी पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि ममता बंगाल में अराजकता को बढ़ावा दे रही हैं और योगी की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही हैं।

जनता की प्रतिक्रिया और भविष्य की सियासत

ममता के इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी तीफान मचा दिया है। जहां कुछ लोग ममता के खुले बोल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई यूजर्स ने इसे सस्ता राजनीतिक स्टंट करार दिया। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, दोनों ही राज्यों में यह मुद्दा अब आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता का यह बयान आगामी चुनावों में ध्रुवीकरण को बढ़ा सकता है। साथ ही, यह दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक टकराव को और गहरा कर सकता है।