मेरठ मर्डर केस: जेल में मुस्कान-साहिल ने खाना ठुकराया, ड्रग्स की डिमांड क्यों?

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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मेरठ मर्डर केस: जेल में मुस्कान-साहिल ने खाना ठुकराया, ड्रग्स की डिमांड क्यों?

Muskan

Photo Credit: Social Media


मेरठ में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला अब जेल में हैं, लेकिन उनकी हरकतें और मांगें सुर्खियों में बनी हुई हैं। दोनों ने जेल का खाना खाने से साफ इनकार कर दिया है और नशीली दवाओं की डिमांड कर रहे हैं। यह कहानी न सिर्फ एक क्रूर अपराध की है, बल्कि नशे की लत और मानसिक स्थिति के उस अंधेरे पहलू को भी उजागर करती है, जो समाज के लिए चिंता का विषय है। आइए जानते हैं कि मेरठ मर्डर केस में क्या हुआ और जेल में इन आरोपियों की हालत अब क्या है।

मेरठ में मर्चेंट नेवी में काम करने वाले सौरभ राजपूत की हत्या का यह मामला तब सामने आया, जब पुलिस ने उनकी पत्नी मुस्कान (27 साल) और उसके प्रेमी साहिल (25 साल) को गिरफ्तार किया। इस जोड़े ने 4 मार्च को सौरभ की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। इसके बाद दोनों ने शव को टुकड़ों में काटकर एक ड्रम में छिपा दिया और उसमें सीमेंट भर दी। इतना भयानक कांड करने के बाद ये दोनों हिमाचल प्रदेश भाग गए। वहां वे न सिर्फ छिपने की कोशिश कर रहे थे, बल्कि होली खेलते, केक काटते और बर्फीले इलाकों में फोटो खिंचवाते हुए जश्न मनाते नजर आए। 17 मार्च को मेरठ लौटने पर पुलिस ने इन्हें धर दबोचा और अब दोनों जेल की सलाखों के पीछे हैं।

जेल में पहुंचते ही मुस्कान और साहिल की असल हालत सामने आई। दोनों को नशीली दवाओं की गंभीर लत है, जिसके चलते वे जेल का खाना खाने को तैयार नहीं हैं। मेरठ जिला जेल में मुस्कान और साहिल को अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। जेल के एक अधिकारी ने बताया कि इनकी नशे की लत इतनी गहरी है कि ये बिना ड्रग्स के बेचैन हो रहे हैं। साहिल ने तो अस्पताल में हंगामा मचा दिया और मारिजुआना की मांग की, वहीं मुस्कान ने मॉर्फिन इंजेक्शन देने की जिद पकड़ ली। डॉक्टरों ने पाया कि मुस्कान की तबीयत जेल की पहली रात ही बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया। यह साफ है कि दोनों लंबे समय से इंजेक्शन के जरिए नशा कर रहे थे, और अब यह लत उनकी जिंदगी पर भारी पड़ रही है।

इस हत्याकांड ने कई सवाल खड़े किए हैं। एक तरफ सौरभ की बेरहमी से हत्या और दूसरी तरफ हत्यारों का नशे में डूबा व्यवहार लोगों को हैरान कर रहा है। पुलिस का कहना है कि यह अपराध सुनियोजित था, और हिमाचल की सैर इसका सबूत है कि दोनों को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था। लेकिन जेल में उनकी हालत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। नशे की लत ने इन्हें इस कदर जकड़ लिया है कि जेल का सादा खाना भी इन्हें गवारा नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि नशीली दवाओं की लत न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ देती है, जिसके चलते लोग ऐसे जघन्य अपराध कर बैठते हैं।