दिल्ली की सियासी गलियारों में इन दिनों आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच तनाव का माहौल है। अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच लगातार हो रही आपसी आलोचनाओं ने इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब और गरमा गया जब केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में राहुल गांधी के साथ अपने "भविष्य" को लेकर चुटीला जवाब दिया।
"मेरा भविष्य मेरी पत्नी के साथ!" – केजरीवाल का वायरल स्टेटमेंट
इंटरव्यू में जब पूछा गया कि राहुल गांधी के साथ उनके भविष्य के क्या संभावनाएं हैं, तो केजरीवाल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया – "आप पूछ रही हैं कि राहुल गांधी से मेरा भविष्य क्या है? मेरा भविष्य मेरी बीवी के साथ है, यार! मैंने राहुल गांधी से शादी नहीं की कि उनके साथ मेरा भविष्य ढूंढ रही हैं।" उन्होंने आगे जोड़ा – "मेरा नाता दिल्ली की जनता और देश के 140 करोड़ लोगों से है।" यह बयान सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने साफ किया कि उनकी प्राथमिकता राजनीतिक गठजोड़ नहीं, बल्कि जनता का विश्वास है। चुनावी मैदान में टकराव की पृष्ठभूमि
यह टकराव दिल्ली विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में हुआ है, जहां आप और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने गठबंधन किया था, लेकिन दिल्ली की सभी सात सीटों पर भाजपा की जीत ने इस साझेदारी को झटका दिया। अब विधानसभा चुनावों में दोनों दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में सीलमपुर रैली में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा – "कीजरीवाल जी ने दिल्ली को पेरिस बनाने का वादा किया था, लेकिन आज प्रदूषण और भ्रष्टाचार बढ़ गया है।" "भाजपा-कांग्रेस की जुगलबंदी" का आरोप
केजरीवाल ने इस मौके पर भाजपा और कांग्रेस के बीच छिपे गठजोड़ का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा – "मैंने राहुल गांधी के बारे में एक लाइन कही और जवाब भाजपा ने दिया। यह दिखाता है कि दोनों पार्टियों के बीच पुराना नाता है।" उनका इशारा भाजपा नेता अमित मालवीय के उस ट्वीट की ओर था, जिसमें उन्होंने केजरीवाल को "नई दिल्ली सीट बचाने" की सलाह दी थी। केजरीवाल ने इसे "छिपे हुए समझौते" का प्रमाण बताया। जातीय जनगणना को लेकर चुप्पी का सवाल
राहुल गांधी ने केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जातीय जनगणना के मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा – "जब मैं पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के हक की बात करता हूं, तो ये दोनों नेता मौन धारण कर लेते हैं।" इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा – "हमारा फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं पर है। जनगणना राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि विकास का मुद्दा होना चाहिए।" इंडिया गठबंधन का भविष्य: टूटन या नई राह?
केजरीवाल ने इंडिया गठबंधन के प्रश्न को टालते हुए कहा – "गठबंधन बनते-बिगड़ते रहते हैं, लेकिन असली मकसद देश की सेवा करना है।" हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दिल्ली चुनाव में आप और कांग्रेस का अलग-अलग चुनाव लड़ना गठबंधन की कमजोरियों को उजागर करता है। तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) जैसे दलों ने आप का समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस अकेले मैदान में उतरी है।