नेहा मिरानिया की दिल दहलाने वाली कहानी, पहलगाम जाकर मैंने अपनी दुनिया उजाड़ ली...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. National

नेहा मिरानिया की दिल दहलाने वाली कहानी, पहलगाम जाकर मैंने अपनी दुनिया उजाड़ ली...

Neha Mirania

Photo Credit: Twitter


जम्मू-कश्मीर का पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, एक परिवार के लिए जीवन का सबसे दुखद अध्याय बन गया। छत्तीसगढ़ के रायपुर की नेहा मिरानिया ने वह भयावह पल बयां किया, जब एक आतंकी हमले ने उनकी दुनिया उजाड़ दी। यह कहानी न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो कश्मीर की वादियों में सुकून तलाशने जाते हैं।

एक खुशहाल छुट्टी का सपना

नेहा मिरानिया और उनके पति दिनेश मिरानिया, एक सफल कारोबारी, अपने दो बच्चों के साथ एक यादगार छुट्टी की योजना बना रहे थे। दिनेश का सपना था वैष्णोदेवी के दर्शन करना, लेकिन बच्चों की जिद पर परिवार ने पहलगाम और गुलमर्ग घूमने का फैसला किया। नेहा बताती हैं, “हम चाहते थे कि बच्चे प्रकृति का आनंद लें, कुछ नया अनुभव करें।” उस समय उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगी।

वह भयावह दिन

22 अप्रैल का दिन नेहा के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। परिवार ने पहलगाम में दिन बिताने का प्लान बनाया था और गुलमर्ग के लिए निकलने की तैयारी कर रहा था। नेहा याद करती हैं, “हमारी बेटी जिप लाइनिंग करना चाहती थी। बच्चे उत्साहित थे, और हम भी उनके साथ मस्ती में डूबे थे। समय का पता ही नहीं चला।” दोपहर के करीब दो बज चुके थे। नेहा वॉशरूम गईं, उनका बेटा कहीं और था, और दिनेश अपनी बेटी के साथ एक्टिविटी में व्यस्त थे। तभी अचानक गोलीबारी की आवाज ने माहौल को दहशत में बदल दिया। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी।

सब कुछ छिन गया

नेहा ने जब वॉशरूम से बाहर कदम रखा, तो चारों तरफ अफरा-तफरी मच चुकी थी। लोग चीख रहे थे, और दहशत का माहौल था। नेहा का दिल धक-धक कर रहा था। वे अपने परिवार को ढूंढने के लिए बेताब थीं। लेकिन जब वे अपने पति तक पहुंचीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दिनेश आतंकी हमले का शिकार हो चुके थे। नेहा कहती हैं, “मैंने अपनी आंखों के सामने अपनी दुनिया को बिखरते देखा। मैंने सोचा था कि यह छुट्टी हमें और करीब लाएगी, लेकिन इसने मुझे मेरे जीवनसाथी से हमेशा के लिए छीन लिया।”


दुख और सवाल

इस हमले ने न केवल नेहा के परिवार को, बल्कि देश भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया। नेहा का कहना है, “पहलगाम जाकर मैंने अपनी दुनिया उजाड़ ली।” यह घटना पर्यटकों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है। क्या कश्मीर के पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है? क्या परिवारों को बिना डर के इन खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाने का हक नहीं? नेहा की आपबीती हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सुंदरता के पीछे छिपे खतरों को नजरअंदाज करना कितना भारी पड़ सकता है।