ऑपरेशन ध्वस्त : एनआईए ने आतंकवादी-गैंगस्टर सांठगांठ मामले में छापेमारी कर 3 को गिरफ्तार किया

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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ऑपरेशन ध्वस्त : एनआईए ने आतंकवादी-गैंगस्टर सांठगांठ मामले में छापेमारी कर 3 को गिरफ्तार किया

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नई दिल्ली| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी 'ऑपरेशन ध्वस्त' के तहत बुधवार को कई राज्यों में छापेमारी करके तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये छापे आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों से जुड़े नेटवर्क को लक्षित करते थे। गिरफ्तार लोगों की पहचान भिवानी निवासी प्रवीण वाधवा, दिल्ली के न्यू सीलमपुर निवासी इरफान और मोगा निवासी जस्सा सिंह के रूप में हुई है।

एनआईए ने एनआईए ने आतंकवादियों, ड्रग तस्करों और माफियाओं के बीच गठजोड़ से जुड़े मामलों में पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ एक कार्रवाई करते हुए कुल 324 स्थानों में से 129 पर छापेमारी की। एनआईए ने 8 राज्यों में 129 स्थानों पर तलाशी के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया।

प्रवीण वाधवा लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता पाया गया, जबकि इरफान के घर से हथियार जब्त किए गए हैं। जस्सा सिंह को कनाडा स्थित 'सूचीबद्ध आतंकवादी' अर्श ढल्ला की ओर से काम करते पाया गया। जस्सा सिंह भी अर्श दल्ला के कहने पर हथियारों की तस्करी करने में शामिल था।

एनआईए के एक अधिकारी के अनुसार, परवीन उर्फ प्रिंस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों दीपक उर्फ टीनू और संपत नेहरा और अन्य सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा। इन्होंने जेल के अंदर से उनके विशेष संदेशवाहक के रूप में भी काम किया।

इरफान की गतिविधियों की जांच में गैंगस्टर कौशल चौधरी और सुनील बालियान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया सहित उसके सहयोगियों से जुड़ी एक आतंकी साजिश में शामिल होने का खुलासा हुआ।

इस मामले में इरफान को आरोपी बनाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप छापे के दौरान हथियार भी बरामद हुए हैं। ये मामले अन्य अपराधों के साथ-साथ लक्षित हत्याओं, खालिस्तान समर्थक संगठनों के आतंकी फंडिंग और जबरन वसूली से जुड़े षड्यंत्रों से जुड़े हैं।

इन मामलों में पिछले साल पंजाब में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियन की सनसनीखेज हत्याएं उल्लेखनीय हैं।

एनआईए की जांच से पता चला है कि ये साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही थीं और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा था।

हाल की रिपोटरें ने जेलों के भीतर चल रहे गिरोहों और सामूहिक युद्धों के प्रसार पर प्रकाश डाला है, जिसके परिणामस्वरूप गोइंदवाल जेल और तिहाड़ जेल के अंदर हिंसा और हत्याएं हुई हैं।

इसके अलावा, एनआईए ने पता लगाया है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए हैं। वहां से वे पूरे भारत की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों की योजना बनाने में जुटे हैं।

ये समूह लक्षित हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं और ड्रग, हथियारों की तस्करी, हवाला लेनदेन और जबरन वसूली के माध्यम से अपनी अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाते हैं।