ऑपरेशन सिंदूर: हिमांशी नरवाल की भावुक अपील, "मेरे सुहाग का हिसाब पूरा हो"

पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने न केवल देश को झकझोरा, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इस हमले में अपने पति विनय नरवाल को खोने वाली हिमांशी नरवाल की आंखों में दर्द और संकल्प साफ झलकता है। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के सटीक हमले, जिसे "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया, ने हिमांशी के दिल को सुकून दिया, लेकिन उनकी मांग है कि यह कार्रवाई यहीं न रुके।
हिमांशी का दर्द और संकल्प
हिमांशी की आवाज में गुस्सा और दुख दोनों समाए हैं। उन्होंने कहा, "ये सिलसिला यहीं नहीं रुकना चाहिए। हर उस आतंकी को खत्म करना होगा, जिसने निर्दोष लोगों की जान ली। मैंने अपना सुहाग खोया है, और ऑपरेशन सिंदूर मेरे लिए सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि मेरे सिंदूर का हिसाब है।" उनकी ये बातें हर उस भारतीय के दिल को छूती हैं, जो आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग करता है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक करारा जवाब
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या का जवाब देने के लिए भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकियों के इरादों को कुचला, बल्कि दुनिया को भारत की ताकत और संकल्प का संदेश भी दिया। हिमांशी ने इस कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, "मोदी जी ने मेरे पति और उन 26 लोगों की हत्या का करारा जवाब दिया। लेकिन यह अंत नहीं, शुरुआत है।"