ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की कायराना हरकत, पुंछ में गुरुद्वारे पर हमला

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की कायराना हरकत, पुंछ में गुरुद्वारे पर हमला

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Photo Credit: Twitter


हाल ही में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और साहसिक कार्रवाई की। इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। लेकिन इस सफलता से बौखलाए पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी कायराना हरकत दिखाई। पुंछ जिले में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब पर पाकिस्तानी सेना ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। यह हमला न केवल भारत की संप्रभुता पर हमला है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने की घृणित कोशिश भी है।

गुरुद्वारे पर हमला: एक अमानवीय कृत्य

पुंछ के गुरुद्वारे पर हुए इस हमले में पाकिस्तानी सेना ने निहत्थे लोगों को निशाना बनाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस हमले में एक रागी सहित तीन गुरसिख शहीद हो गए। गुरुद्वारा, जो सिख समुदाय के लिए पवित्र स्थल है, वहां इस तरह की हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया, बल्कि देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई। यह हमला पाकिस्तान की हताशा को दर्शाता है, जो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से तिलमिला उठा है। इस कायराना कृत्य ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहा।


भारत की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति

इस हमले के बाद भारत सरकार और सेना अलर्ट मोड पर है। स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। यह घटना भारत के लिए एक चेतावनी भी है कि हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत करनी होगी। पाकिस्तान की इस हरकत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है, और कई देशों ने इसकी निंदा की है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अब और कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, यह भी जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया जाए।

सिख समुदाय और देशवासियों का आक्रोश

पुंछ के गुरुद्वारे पर हुआ हमला सिख समुदाय के लिए एक गहरा आघात है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह हमला केवल एक धार्मिक स्थल पर हमला नहीं, बल्कि भारत की एकता और अखंडता पर प्रहार है। देशवासी एकजुट होकर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करने की जरूरत है।