जम्मू-कश्मीर में सियासी भूचाल, मुस्लिम बीजेपी नेता की आत्महत्या से हड़कंप!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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जम्मू-कश्मीर में सियासी भूचाल, मुस्लिम बीजेपी नेता की आत्महत्या से हड़कंप!

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Photo Credit: ians


जम्मू-कश्मीर से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक फकीर मोहम्मद खान (Fakir Mohammad Khan) ने आत्महत्या (Suicide) कर ली है। यह घटना श्रीनगर के हाई-सिक्योरिटी इलाके तुलसीबाग में हुई, जहां फकीर अपने सरकारी बंगले में रहते थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) की सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। इस दुखद घटना ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि उनके समर्थकों और परिवार वालों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके पीछे के संभावित कारणों पर नजर डालते हैं।

फकीर मोहम्मद खान जम्मू-कश्मीर बीजेपी (Jammu and Kashmir BJP) के उन नेताओं में से एक थे, जिनकी पहचान एक जननेता के रूप में थी। वह गुरेज विधानसभा क्षेत्र (Gurez Assembly Constituency) से पूर्व विधायक रह चुके थे और साल 2024 के विधानसभा चुनाव (2024 Assembly Elections) में बीजेपी की टिकट पर मैदान में उतरे थे। हालांकि, इस बार वह नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उम्मीदवार नजीर अहमद खान से हार गए थे। बीजेपी में शामिल होने से पहले फकीर ने 1996 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार गुरेज से जीत हासिल की थी। इसके बाद वह पीडीपी (PDP) में भी रहे, लेकिन 2019 में आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। उनकी राजनीतिक यात्रा और मेहनत ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया था।

यह घटना 20 मार्च 2025 को सु 要緊 तुलसीबाग सरकारी बंगले (Tulsibagh Government Quarters) में हुई। सूत्रों के मुताबिक, फकीर ने सुबह के वक्त अपने PSO की राइफल लेकर खुद को गोली मार ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और शव को पोस्टमॉर्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया गया है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि फकीर ने यह कदम क्यों उठाया। कुछ लोग इसे निजी कारणों से जोड़ रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि हाल के विधानसभा चुनाव में हार उनके लिए बड़ा झटका थी। लेकिन ये सिर्फ अनुमान हैं, और असल वजह जांच के बाद ही सामने आएगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu and Kashmir Assembly) में इस घटना की गूंज सुनाई दी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सदन में फकीर के निधन की घोषणा की और उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया। बीजेपी के विपक्षी नेता सुनील शर्मा (Sunil Sharma) ने उन्हें एक जनप्रिय नेता बताया, जो हमेशा लोगों के बीच रहते थे। वहीं, गुरेज से विधायक नजीर गुरेजी (Nazir Gurezi) ने भी उनके योगदान को याद करते हुए शोक जताया। बीजेपी जम्मू-कश्मीर इकाई ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उनके निधन पर दुख जताया और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक का इस तरह का कदम उठाना समाज और राजनीति दोनों के लिए चिंता का विषय है। क्या यह मानसिक दबाव (Mental Pressure) का नतीजा था? क्या चुनावी हार ने उन्हें तोड़ दिया? या फिर कोई और वजह थी, जिसे अभी तक सामने नहीं लाया गया? विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में परिवार, दोस्तों और समाज का सहारा बहुत जरूरी होता है। फकीर जैसे नेता, जो बाहर से मजबूत दिखते थे, शायद अंदर से किसी अनदेखे दर्द से जूझ रहे थे।