राहुल गांधी बोले- आर्थिक तूफान आने वाला है, कहां छिपे हैं प्रधानमंत्री मोदी?

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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राहुल गांधी बोले- आर्थिक तूफान आने वाला है, कहां छिपे हैं प्रधानमंत्री मोदी?

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Photo Credit: ians


देश में एक बार फिर चर्चा गरम है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और चेतावनी दी है कि एक बड़ा आर्थिक संकट हमारी चौखट पर दस्तक देने वाला है। उनका कहना है कि ऐसे नाजुक वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहीं नजर नहीं आ रहे। यह बयान सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों के बीच बहस का विषय बन गया है। आखिर राहुल गांधी की इस बात का मतलब क्या है और यह देश के लिए कितना अहम हो सकता है? आइए, इसकी गहराई में उतरते हैं।

क्या है आर्थिक तूफान की बात?

राहुल गांधी ने अपने ताजा बयान में कहा कि कोविड के बाद अब देश एक और बड़े झटके के लिए तैयार नहीं है। उनका इशारा बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और छोटे कारोबारियों की मुश्किलों की ओर है। वे मानते हैं कि सरकार की नीतियां आम लोगों को राहत देने में नाकाम रही हैं और जल्द ही इसका असर हर घर पर दिखेगा। हालांकि, उन्होंने अपने दावे के पीछे कोई ठोस आंकड़े पेश नहीं किए, लेकिन उनका यह सवाल—‘प्रधानमंत्री कहां छिपे हैं?’—सीधे सरकार की जवाबदेही पर निशाना साधता है। क्या वाकई देश किसी बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है, या यह सिर्फ सियासी बयानबाजी है?

सरकार पर क्यों उठ रहे सवाल?

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब देश में आर्थिक सुस्ती की खबरें पहले से ही सुर्खियों में हैं। जानकारों का कहना है कि वैश्विक मंदी, रुपये की कमजोरी और निवेश में कमी जैसे मुद्दे अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। राहुल का आरोप है कि सरकार इन संकेतों को नजरअंदाज कर रही है और प्रधानमंत्री मौन साधे हुए हैं। दूसरी ओर, सरकार के समर्थक इसे महज विपक्ष की शोरगुल वाली रणनीति बता रहे हैं। लेकिन आम लोग सोच में पड़ गए हैं कि अगर सच में तूफान आया, तो उसका असर उनकी जेब और जिंदगी पर क्या होगा?

लोगों की जिंदगी पर असर

अगर राहुल गांधी की चेतावनी सच साबित हुई, तो इसका सबसे बड़ा असर मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों पर पड़ सकता है। बढ़ती महंगाई पहले ही लोगों का बजट बिगाड़ रही है, और अगर नौकरियां कम हुईं या कारोबार ठप हुए, तो हालात और मुश्किल हो सकते हैं। लोग अब सरकार से साफ जवाब चाहते हैं—आखिर इस संकट से निपटने की क्या तैयारी है? राहुल का यह सवाल न सिर्फ सरकार को कटघरे में खड़ा करता है, बल्कि हर नागरिक को अपने भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा है।