मां की गोद में खेल रही 7 महीने की मासूम बच्ची की गोली मारकर हत्या

राजस्थान के भरतपुर जिले में एक ऐसी घटना ने सबके होश उड़ा दिए, जिसे सुनकर हर किसी का दिल कांप उठे। एक 7 महीने की मासूम बच्ची, जो अपनी मां की गोद में खेल रही थी, को गोली का निशाना बना दिया गया। यह दर्दनाक हादसा एक छोटे से विवाद की वजह से हुआ, जिसने एक परिवार को हमेशा के लिए तबाह कर दिया। आइए, इस घटना की पूरी कहानी को समझते हैं और जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो इतना भयावह बन गया।
मामूली विवाद ने छीनी मासूम की जिंदगी
यह खौफनाक वारदात डीग के कामां इलाके में हुई। बताया जा रहा है कि एक कार और स्कूटी के बीच मामूली टक्कर हुई थी। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह छोटी सी बहस इतना बड़ा रूप ले लेगी। विवाद के दौरान सेना के एक पूर्व जवान ने गुस्से में अपनी बंदूक निकाली और गोली चला दी। गोली सीधे 7 महीने की बच्ची किट्टू की कमर से आर-पार हो गई, जो उस वक्त अपनी मां सोनिया की गोद में थी। मासूम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि उसकी मां भी गंभीर रूप से घायल हो गई।
मां की हालत नाजुक, इलाज जारी
इस गोलीकांड में बच्ची की मां सोनिया को भी चोटें आईं। 32 साल की सोनिया को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और जयपुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। परिवार के लिए यह दोहरा सदमा है—एक तरफ मासूम बेटी की मौत का गम, दूसरी तरफ मां की जिंदगी के लिए दुआएं। इस घटना ने पूरे इलाके में सन्नाटा फैला दिया है।
पुलिस की जांच और आरोपी की तलाश
कामां के डीएसपी धर्मराज चौधरी ने बताया कि यह घटना विमल कुंड के परिक्रमा मार्ग के पास हुई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी पूर्व जवान की तलाश में जुट गई है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आरोपी सेना में रह चुका है, जिसके पास हथियार था। लेकिन सवाल यह है कि एक छोटे से विवाद में इतना बड़ा कदम उठाने की हिम्मत उसने कैसे की? पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि यह हादसा गुस्से का नतीजा था या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है।
लोगों में गुस्सा और सवाल
इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। हर कोई यह सोचने को मजबूर है कि आखिर एक मासूम बच्ची को इस तरह निशाना क्यों बनाया गया। सोशल मीडिया पर लोग इस क्रूरता की निंदा कर रहे हैं और सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी बताती है कि गुस्से पर काबू न रखने के कितने भयानक नतीजे हो सकते हैं।