पहलगाम आतंकी हमले में महिला पर्यटक को बचाने की कोशिश में गयी सैयद आदिल की जान, थे एकलौते कमाने वाले

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इनमें से एक थे सैयद आदिल हुसैन शाह, एक घुड़सवार, जिन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवाई। उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है, और परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। आइए, इस दुखद घटना और आदिल की वीरता की कहानी को करीब से जानें।
पहलगाम की बाइसरण घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, मंगलवार दोपहर 2:30 बजे के आसपास खून से लाल हो गई। चार से छह आतंकियों ने, जो कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे, अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। पर्यटक, जो पिकनिक, घुड़सवारी और प्रकृति का आनंद ले रहे थे, अचानक मौत के साये में आ गए। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे, और कई अन्य घायल हुए। आतंकियों ने कथित तौर पर पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और कलमा पढ़ने को कहा, जिसके बाद गोलियां चलाईं।
सैयद आदिल हुसैन शाह: एक सच्चा नायक
इस भयावह माहौल में सैयद आदिल हुसैन शाह ने अदम्य साहस दिखाया। 32 वर्षीय आदिल, जो पर्यटकों को घोड़ों पर बाइसरण घाटी तक ले जाते थे, उस दिन भी अपने काम पर थे। जब आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कीं, आदिल ने एक महिला पर्यटक को बचाने की कोशिश की और एक आतंकी से उसकी राइफल छीनने का प्रयास किया। इस कोशिश में उन्हें गोली लगी, और वे शहीद हो गए। आदिल अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे, जिनके कंधों पर बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी थी। उनके पिता, सैयद हैदर शाह, ने बताया, “हमने उसका फोन मिलाया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। बाद में पुलिस ने बताया कि मेरा बेटा शहीद हो गया।”
परिवार का दर्द और न्याय की मांग
आदिल की मां की आंखों से आंसुओं का सैलाब थम नहीं रहा। उन्होंने कहा, “वह हमारा इकलौता सहारा था। अब हमारा क्या होगा?” आदिल के चाचा, शाहिद बुग सिंह, ने सरकार से मदद और सुरक्षा की अपील की है। परिवार का कहना है कि आदिल की शहादत व्यर्थ नहीं जानी चाहिए। वे चाहते हैं कि इस हमले की गहन जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले। आदिल के रिश्तेदार मोहिद्दीन शाह ने कहा, “हम इस इलाके के हैं, और यह दर्द हम गहरे तक महसूस करते हैं। सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।”