खाता आपका, पैसा उसका! बैंक मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 110 खातों से चुपचाप निकाले करोड़ों

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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खाता आपका, पैसा उसका! बैंक मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 110 खातों से चुपचाप निकाले करोड़ों

Sakshi Gupta

Photo Credit: Social media


बैंक वह जगह है, जहां लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित मानते हैं। लेकिन राजस्थान के कोटा शहर में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इस भरोसे को तार-तार कर दिया। ICICI बैंक की श्रीराम नगर शाखा में एक महिला अधिकारी ने सैकड़ों ग्राहकों के खातों से चुपके से करोड़ों रुपये निकाल लिए और उन्हें शेयर बाजार में डुबो दिया। यह कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक भरोसेमंद संस्थान में सेंध लगाकर आम लोगों की जमा-पूंजी को खतरे में डाला जा सकता है।

फर्जीवाड़े का जाल: कैसे रची गई साजिश?

कोटा के उद्योग नगर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित ICICI बैंक की श्रीराम नगर शाखा में यह घोटाला सामने आया। बैंक की पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता पर आरोप है कि उसने लगभग ढाई साल तक ग्राहकों के खातों से गुपचुप तरीके से पैसे निकाले। पुलिस जांच के अनुसार, साक्षी ने 110 से अधिक खातों से करीब 3 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और इनका बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश कर दिया। यह धोखाधड़ी इतनी चालाकी से की गई कि ग्राहकों को भनक तक नहीं लगी।

मोबाइल नंबर बदलकर बनाया धोखे का जाल

साक्षी ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए कई ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदल दिए। उसने अपने करीबी लोगों के नंबर खातों से जोड़ दिए, ताकि बैंक के ट्रांजैक्शन अलर्ट और ओटीपी असली खाताधारकों तक न पहुंचें। इसके साथ ही, उसने डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का दुरुपयोग किया। कुछ मामलों में उसने बिना अनुमति के खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी चालू कर दी, जिससे ग्राहकों को नुकसान हुआ।

एक ग्राहक की शिकायत ने खोला राज

यह घोटाला तब सामने आया, जब एक ग्राहक ने अपनी 1.50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट की जानकारी मांगी। बैंक की जांच में पता चला कि यह राशि बिना अनुमति के किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी। इसके बाद जब अन्य खातों की छानबीन शुरू हुई, तो इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने बताया कि साक्षी ने एक वृद्ध महिला के खाते को 'पूल अकाउंट' की तरह इस्तेमाल किया, जिसमें फरवरी 2023 तक करीब 3.22 करोड़ रुपये जमा किए गए। इस राशि का बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में गंवाया गया।

समय से पहले तोड़ी गईं FD, लिया गया फर्जी लोन

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि साक्षी ने 31 ग्राहकों की फिक्स्ड डिपॉजिट को समय से पहले तोड़कर 1.34 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इतना ही नहीं, उसने धोखे से 3.40 लाख रुपये का पर्सनल लोन भी लिया। यह सब बिना खाताधारकों की जानकारी के हुआ। इस घटना ने न केवल ग्राहकों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि बैंकिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाए।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने फरवरी 2024 में दर्ज एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। साक्षी गुप्ता, जो 2020 से 2023 तक इस शाखा में कार्यरत थी, को 31 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया। अदालत में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले ने बैंकिंग क्षेत्र में सतर्कता और पारदर्शिता की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है।