2 मार्च से होगा पहला रोज़ा, रमज़ान शुरू होने से पहले जरूर कर लें ये तैयारी

मुस्लिम समुदाय के लिए पवित्र महीना रमजान की शुरुआत 2 मार्च से होने वाली है। 28 फरवरी को चांद नहीं दिखाई दिया, रमजान 2 मार्च से शुरू होगा। यह महीना 29 या 30 दिनों तक चलेगा और ईद-उल-फितर 30 या 31 मार्च को मनाई जाएगी।
रमजान की तैयारी: सेहरी से इफ्तार तक की पूरी गाइड
रमजान के दौरान सेहरी और इफ्तार का विशेष महत्व होता है। सेहरी सूर्योदय से पहले की जाती है, जिसमें पौष्टिक भोजन और पानी का सेवन किया जाता है। इफ्तार सूर्यास्त के बाद रोजा खोलने के लिए फल, नट्स और हल्के व्यंजनों का चयन किया जाता है।
रोजा रखने के दौरान क्या करें और क्या न करें
रोजा रखने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
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सेहरी का समय: सेहरी का समय आपके एरिया के अनुसार अलग-अलग होता है। इसलिए इसका पता आप कर लीजिये।
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इफ्तार का समय: इफ्तार का समय मगरिब की अज़ान के साथ होता है। यह समय भी एरिया के मुताबिक अलग-अलग होता है।
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स्वास्थ्य का ध्यान: रोजा के दौरान नींद पूरी करना और तनाव से बचना आवश्यक है।
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इबादत का महत्व: नमाज, कुरान पढ़ना और जकात देना रमजान के दौरान प्राथमिकता होनी चाहिए।
रमजान के दौरान सामान्य गलतियों से बचें
कई लोग रमजान के दौरान अनजाने में गलतियां कर बैठते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
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सेहरी में भारी भोजन: सेहरी में हल्का और पचाने में आसान भोजन करना चाहिए।
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इफ्तार में अधिक मीठा: इफ्तार में चीनी युक्त व्यंजनों से बचना बेहतर होता है।
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इबादत में लापरवाही: नमाज और कुरान पढ़ने के समय को निर्धारित करना चाहिए।
रमजान का धार्मिक और सामाजिक महत्व
रमजान इस्लाम धर्म का नौवां महीना है, जो आत्मशुद्धि और इबादत के लिए पवित्र माना जाता है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं, जो आत्म-नियंत्रण और सहनशक्ति का प्रतीक है। रमजान के अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है, जो उपवास के समापन का जश्न है।
रमजान के दौरान स्वास्थ्य टिप्स
रोजा रखने से पहले स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। निम्नलिखित बातों का पालन करें:
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सेहरी में प्रोटीन युक्त भोजन: अंडे, दही और नट्स का सेवन करना फायदेमंद होता है।
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इफ्तार में फल और सलाद: इफ्तार में केला, अंगूर और सलाद शामिल करना चाहिए।
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नींद का पूरा प्रबंधन: रोजा के दौरान 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
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शारीरिक गतिविधियों से बचें: रोजा के दौरान भारी शारीरिक श्रम से बचना चाहिए।
रमजान के दौरान बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें
रमजान के दौरान बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को रोजा रखने के लिए प्रेरित करने के बजाय उनकी सेहत का ध्यान रखें। बुजुर्गों को रोजा रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
रमजान के दौरान सामाजिक एकता का प्रतीक
रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में तरावीह नमाज अदा करते हैं और एक-दूसरे के साथ इफ्तार मनाते हैं। यह समय सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक होता है।
रमजान के दौरान दान का महत्व
रमजान के दौरान दान (जकात) देना अनिवार्य होता है। यह गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का समय होता है। दान देने से न केवल समाज का भला होता है, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी आत्मसंतुष्टि मिलती है।
रमजान के दौरान कुरान पढ़ने का महत्व
रमजान के दौरान कुरान पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान कुरान की तिलावत (पाठ) करने से आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुरान के पाठ के साथ-साथ उसके अर्थ को समझने का भी प्रयास करना चाहिए।
रमजान के दौरान नमाज का महत्व
रमजान के दौरान नमाज का विशेष महत्व होता है। इस दौरान तरावीह नमाज और कुरान की तिलावत का विशेष प्रावधान होता है। नमाज के दौरान एकाग्रता और शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए।
रमजान के दौरान सेहत और स्वच्छता का ध्यान
रमजान के दौरान सेहत और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोजा के दौरान हाथों को नियमित रूप से धोना और मुंह की सफाई करना आवश्यक होता है। सेहरी और इफ्तार के दौरान स्वच्छ भोजन का चयन करना चाहिए।