बारिश, आंधी और तूफान का त्रिकोणीय हमला! IMD ने दी चेतावनी, क्या आपका शहर है खतरे में?

मौसम विभाग ने एक बार फिर देशवासियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। आगामी पांच दिनों में मौसम का मिजाज बदलने वाला है, जिससे कई राज्यों में भारी बारिश, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 8 से 12 फरवरी तक के लिए एक विशेष मौसम बुलेटिन जारी किया है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली मौसमी गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम का रुख बदलने की संभावना है। हिमालय क्षेत्र में 8 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
इन राज्यों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बर्फबारी हो सकती है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। विशेष रूप से 9 और 10 फरवरी को इन राज्यों में कई स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मैदानी इलाकों में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 9 फरवरी से बारिश शुरू हो सकती है, जो 12 फरवरी तक जारी रह सकती है। इस दौरान कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी 10 फरवरी से हल्की बारिश का दौर शुरू हो सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें।मध्य भारत में भी मौसम का असर देखने को मिल सकता है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कुछ हिस्सों में 10 से 12 फरवरी के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में भी तेज हवाओं और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी मौसम का असर देखने को मिलेगा। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 11 और 12 फरवरी को हल्की बारिश हो सकती है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी इस दौरान छिटपुट बारिश की संभावना है।मौसम विभाग ने किसानों को विशेष सलाह दी है कि वे अपनी तैयार फसलों की कटाई जल्द से जल्द पूरी कर लें और कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें। साथ ही, खड़ी फसलों को ओलावृष्टि और तेज हवाओं से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करें।यात्रियों के लिए भी विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। बर्फबारी और बारिश के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।हवाई यात्रा करने वालों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति की जानकारी लेते रहें, क्योंकि खराब मौसम के कारण कुछ उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। रेल यात्रियों को भी सतर्क रहने और अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी लेते रहने की सलाह दी गई है।
इस मौसमी गतिविधि के कारण तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है, जबकि मैदानी इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से कम रह सकता है। हालांकि, बादल छाए रहने के कारण रात का तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। साथ ही, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशों का पालन करें। आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद के लिए संपर्क करें।यह मौसमी बदलाव फरवरी के मध्य तक जारी रह सकता है। इसके बाद मौसम में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है। हालांकि, मार्च के प्रारंभ तक मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रह सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की देखभाल के लिए नियमित रूप से मौसम की जानकारी लेते रहें और उसी के अनुसार अपनी कृषि गतिविधियों को नियोजित करें।इस मौसमी गतिविधि का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इससे जल संसाधनों में वृद्धि होगी, जो गर्मियों में पानी की कमी से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। साथ ही, इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आने की संभावना है, जो शहरी क्षेत्रों के लिए राहत की बात होगी।अंत में, मौसम विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और एक-दूसरे की मदद करें। प्रकृति के इस रंग को सावधानी के साथ देखें और अनुभव करें। याद रखें, सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी है।