पत्नी ने कहा नामर्द, तो पति ने मांगा वर्जिनिटी टेस्ट, फिर क्या हुआ?

छत्तीसगढ़ में एक पति-पत्नी का झगड़ा उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर इल्जाम लगाए। पत्नी ने पति को नपुंसक बताया, तो जवाब में पति ने उसकी वर्जिनिटी पर सवाल उठाते हुए टेस्ट की मांग कर डाली। यह मामला फैमिली कोर्ट से होता हुआ हाई कोर्ट तक पहुंचा। यह कहानी न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि कानून और इंसानी रिश्तों पर भी सवाल उठाती है। आइए, इस घटना को करीब से समझते हैं।
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी बात को लेकर तकरार बढ़ गई। बात इतनी आगे बढ़ी कि पत्नी ने पति को नामर्द कह दिया। यह सुनकर पति का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसने पलटवार करते हुए पत्नी की वर्जिनिटी पर शक जताया और कहा कि वह इसका टेस्ट करवाना चाहता है। उसका मानना था कि यह टेस्ट उसके दावे को साबित करेगा। लेकिन जब फैमिली कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी, तो उसने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले में साफ और सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी महिला को वर्जिनिटी टेस्ट के लिए मजबूर करना गलत है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, जो हर इंसान को सम्मान के साथ जीने और अपनी आजादी की गारंटी देता है। कोर्ट ने पति की मांग को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसा टेस्ट न सिर्फ महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है। यह फैसला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।