Tirumala Tirupati Devasthanams : तिरुमला मंदिर में अंडा बिरयानी खाते मिले श्रद्धालु, विपक्ष ने उठाए सवाल

Tirumala Tirupati Devasthanams : तिरुमाला मंदिर में सुरक्षा चूक का एक और मामला सामने आया है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। इस बार तमिलनाडु से आए श्रद्धालुओं का एक समूह मंदिर के अंदर अंडा बिरयानी खाते हुए पकड़ा गया। घटना ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंदिर में प्रतिबंधित मांसाहारी भोजन
तिरुमाला मंदिर परिसर में मांसाहारी भोजन, शराब, धूम्रपान और तंबाकू पर दशकों से प्रतिबंध है। बावजूद इसके, रामबगीचा बस स्टैंड के पास अंडा बिरयानी खाते हुए श्रद्धालुओं को देख स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत श्रद्धालुओं से पूछताछ की और उन्हें मंदिर परिसर के नियमों की जानकारी दी।
श्रद्धालुओं ने यह दावा किया कि उन्हें इन नियमों की जानकारी नहीं थी। पुलिस ने उन्हें सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया, लेकिन यह घटना सुरक्षा में बड़ी खामी की ओर इशारा करती है।
टीटीडी प्रशासन पर विपक्ष का निशाना
टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा, "अलीपीरी चेकपॉइंट पर अनिवार्य सुरक्षा जांच के बावजूद मांसाहारी भोजन मंदिर परिसर तक कैसे पहुंचा, यह टीटीडी की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करता है।"
तिरुपति के सांसद डॉ. एम. गुरुमूर्ति ने भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और राज्य सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "जनवरी में हुई भगदड़ के बाद भी सुरक्षा और सतर्कता के प्रमुख पद खाली हैं, जो प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।"
सुरक्षा चूक से जुड़े सवाल
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के श्रद्धालु अलीपीरी चेकपॉइंट पर जांच के बावजूद मांसाहारी भोजन लेकर मंदिर परिसर में पहुंचे। यह स्थिति प्रशासन के दावों पर प्रश्नचिह्न लगाती है। सवाल यह है कि कैसे चेकपॉइंट पर सुरक्षा जांच इतनी कमजोर हो सकती है कि प्रतिबंधित सामग्री मंदिर तक पहुंच जाए।
टीटीडी की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
भुमना करुणाकर रेड्डी ने घटना को लेकर टीटीडी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह लापरवाही श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कारण बन सकती है।
सांसद गुरुमूर्ति ने तिरुपति ट्रस्ट की विफलताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि जनवरी की भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने के बावजूद प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है।
जांच के आदेश और प्रशासन की जवाबदेही
घटना के बाद टीटीडी प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल टीटीडी की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाती है बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी धार्मिक भावनाओं के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी ध्यान आकर्षित करती है। तिरुमाला जैसे पवित्र स्थल पर इस तरह की घटनाएं नियमों को और कड़ा करने की जरूरत को रेखांकित करती हैं।
तिरुमाला मंदिर जैसी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम आवश्यक है। ऐसी घटनाएं न केवल प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास को भी चोट पहुंचाती हैं। अब देखना होगा कि जांच के बाद क्या कदम उठाए जाते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या सुधार किए जाते हैं।