मुग़ल वंशज तुसी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- आपने तैमूर के खून को ललकारा है...

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मुग़ल वंशज तुसी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- आपने तैमूर के खून को ललकारा है...

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Photo Credit: prince tucy


भारत में वक्फ संपत्ति को लेकर बहस छिड़ी हुई है। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद भी यह मुद्दा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा। अब इस विवाद में एक नया मोड़ आया है। मुगल साम्राज्य के वंशज होने का दावा करने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। एक वीडियो संदेश के जरिए उन्होंने बीजेपी के इरादों पर सवाल उठाए और इसे अल्लाह की संपत्ति पर कब्जे की कोशिश करार दिया। आइए, इस पूरे मामले को समझते हैं कि यह विवाद क्यों और कैसे इतना गरमा गया है।

बीजेपी पर प्रिंस तुसी का हमला: "मुसलमानों से मोहब्बत कब से?"

प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने अपने वीडियो में बीजेपी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी में मुसलमानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। "आपकी पार्टी में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है। एक अल्पसंख्यक मंत्री थे, उसे भी आपने बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब अचानक आपको वक्फ संपत्ति पर नजर पड़ गई। यह अल्लाह की मिल्कियत है, जिसे कोई हड़प नहीं सकता।" उनका कहना था कि बीजेपी का यह कदम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है, जिसे वह कभी कामयाब नहीं होने देंगे। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

तैमूर का वादा और इतिहास का जिक्र

प्रिंस तुसी ने अपने बयान में इतिहास को भी कुरेदा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा, "इतिहास के पन्ने पलटकर देखिए। 1426 में बाबर ने 12,000 सैनिकों के साथ हिंदुस्तान पर कब्जा किया था। बाबर से लेकर बहादुर शाह जफर तक मुगल शासन की कहानी हर कोई जानता है। इस बार आपने तैमूर के खून को ललकारा है।" उनका दावा है कि यह लड़ाई सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों और संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा, "इंशाअल्लाह, 20 करोड़ हिंदुस्तानी मुसलमान हमारे साथ हैं। वक्फ का कोई मालिक नहीं बन सकता, यह तैमूर का वादा है।"


प्रिंस याकूब तुसी कौन हैं?

प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी खुद को अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की छठी पीढ़ी का वंशज बताते हैं। उनके कई दावे चर्चा में रहे हैं, जिनमें सबसे बड़ा दावा ताजमहल पर उनका अधिकार है। ताजमहल, जो आज विश्व के सात अजूबों में शुमार है, उनके लिए सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि उनकी विरासत का हिस्सा है। हालांकि, इतिहासकारों और विशेषज्ञों में उनके दावों को लेकर मतभेद हैं, लेकिन प्रिंस तुसी अपने बयानों से सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहे हैं।

विवाद का भविष्य: कोर्ट से संयुक्त राष्ट्र तक?

प्रिंस तुसी ने चेतावनी दी है कि वक्फ संपत्ति का यह मसला जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गूंजेगा। उनका मानना है कि यह धार्मिक और ऐतिहासिक संपत्ति पर कब्जे का मामला है, जिसे वह कानूनी और वैश्विक स्तर पर लड़ेंगे।