मौसम का कहर: 6 दिन तक बरसेंगे आसमानी आफत, जानिए कहां होगा सबसे ज्यादा नुकसान!

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मौसम का कहर: 6 दिन तक बरसेंगे आसमानी आफत, जानिए कहां होगा सबसे ज्यादा नुकसान!

Uttarakhand Weather Update

Photo Credit: upuklive


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के कई हिस्सों में आगामी दिनों में मौसम में भारी बदलाव की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, आने वाले छह दिनों में तूफानी हवाओं के साथ-साथ भारी बारिश की संभावना है। यह मौसम परिवर्तन न केवल जनजीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों पर भी असर डाल सकता है।

उत्तर और मध्य भारत में तूफानी हवाओं का खतरा

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में तूफानी हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इन हवाओं के साथ गरज और बिजली चमकने की भी संभावना है।

पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में अगले छह दिनों तक लगातार बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर 24 घंटों में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने की संभावना है। इस बारिश से नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है।

दक्षिण भारत में भी मौसम का करवट

दक्षिण भारत भी इस मौसमी गतिविधि से अछूता नहीं रहेगा। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से केरल के कुछ जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।

किसानों के लिए विशेष सलाह

इस मौसमी परिवर्तन के मद्देनजर किसानों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पके हुए फसलों की कटाई जल्द से जल्द पूरी करने और अनाज को सुरक्षित स्थानों पर रखने की सलाह दी गई है। साथ ही, खड़ी फसलों को तेज हवाओं से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा गया है।

शहरी क्षेत्रों में बरतें सावधानी

शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने या बिजली के खंभे टूटने की आशंका है। लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और आपातकालीन सेवाओं के फोन नंबर अपने पास रखने को कहा गया है।

यातायात व्यवस्था पर प्रभाव

मौसम की इस स्थिति का सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यात्रियों को अपनी यात्रा से पहले संबंधित विभागों से जानकारी लेने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो सकती हैं।