ट्रेन में आपका लैपटॉप, कैमरा चोरी हो जाए तो? कोर्ट का जवाब सुन लें!

ट्रेन से सफर करते वक्त क्या आप अपने सामान को लेकर बेफिक्र रहते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए आंखें खोलने वाली हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसले में कहा है कि ट्रेन में यात्रा के दौरान लैपटॉप, कैमरा, चार्जर, चश्मा या एटीएम कार्ड जैसे कीमती सामान की चोरी होने पर रेलवे जिम्मेदार नहीं होगा। कोर्ट का मानना है कि अपने सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह यात्री की है। यह फैसला सुनकर कई लोग हैरान हैं, तो कई इसे सही ठहरा रहे हैं। आइए, इस फैसले के पीछे की कहानी और इसके मायने समझते हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला तब सामने आया जब एक यात्री ने दावा किया कि उसका लैपटॉप, कैमरा, चार्जर, चश्मा और एटीएम कार्ड ट्रेन में चोरी हो गया। उसने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की थी। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जब तक रेलवे कर्मचारियों की ओर से स्पष्ट लापरवाही साबित न हो, तब तक चोरी के लिए रेलवे को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि यात्री को अपने सामान पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ट्रेन में सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी उनकी अपनी है। यह सुनवाई एक लंबी बहस के बाद हुई, जिसमें रेलवे ने अपनी दलीलें मजबूती से रखीं।
कोर्ट का तर्क क्या रहा?
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तर्क दिया कि रेलवे का काम यात्रियों को सुरक्षित एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना है, न कि उनके निजी सामान की चौकीदारी करना। जजों ने कहा कि ट्रेन में चोरी जैसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन इसके लिए रेलवे को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अगर कोई यात्री अपने सामान की देखभाल नहीं कर पाता, तो यह उसकी खुद की जवाबदेही है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर रेलवे स्टाफ की लापरवाही साबित होती है, तो बात अलग हो सकती है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला।
आपकी जिंदगी पर क्या असर?
यह फैसला हर उस शख्स के लिए अहम है जो ट्रेन से सफर करता है। अब अगर आपका सामान चोरी हो जाता है, तो रेलवे से मुआवजा पाने की उम्मीद कम ही रहेगी। ऐसे में सफर के दौरान आपको अपनी चीजों पर ज्यादा ध्यान देना होगा। चाहे आपका लैपटॉप हो, कैमरा हो या एटीएम कार्ड, इनकी हिफाजत अब आपके हाथ में है। यह खबर उन लोगों के लिए भी सबक है जो ट्रेन में सोते वक्त या भीड़ में अपने बैग को लावारिस छोड़ देते हैं। अब वक्त है सतर्क रहने का, क्योंकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि आपका सामान आपकी जिम्मेदारी है।