कौन हैं निधि तिवारी? पीएम मोदी की नई निजी सचिव का चौंकाने वाला सफर!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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कौन हैं निधि तिवारी? पीएम मोदी की नई निजी सचिव का चौंकाने वाला सफर!

nidhi tiwari

Photo Credit: Social Media


देश के सबसे शक्तिशाली दफ्तर में एक नया चेहरा चर्चा में है। 31 मार्च 2025 को भारतीय विदेश सेवा (IFS) की 2014 बैच की अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव नियुक्त किया गया। यह खबर न सिर्फ उनकी मेहनत की गवाही देती है, बल्कि उनके अब तक के शानदार करियर को भी बयां करती है। एक आम परिवार से निकलकर देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारी तक का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणा है। तो आइए, जानते हैं कि निधि तिवारी कौन हैं और कैसे पहुंचीं इस मुकाम तक।

वाराणसी से शुरू हुआ सपनों का सफर

निधि तिवारी का जन्म और परवरिश उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुई, जो पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। वाराणसी के महमूरगंज इलाके की यह बेटी बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही। साल 2013 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की और भारतीय विदेश सेवा में कदम रखा। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त के तौर पर काम कर चुकी थीं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां वह आज देश के सबसे बड़े नेता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी।

विदेश मंत्रालय से पीएमओ तक

निधि का करियर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। 2014 में IFS में शामिल होने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय में अहम जिम्मेदारियां संभालीं। वहां वह निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में अवर सचिव रहीं, जहां उनकी रिपोर्ट सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जाती थी। उनकी काबिलियत को देखते हुए नवंबर 2022 में उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव बनाया गया। जनवरी 2023 से वह इस पद पर कार्यरत थीं और अब उनकी मेहनत का इनाम उन्हें पीएम की निजी सचिव के रूप में मिला है।

क्या करती हैं निजी सचिव?

प्रधानमंत्री की निजी सचिव बनना कोई छोटी बात नहीं। इस भूमिका में निधि तिवारी पीएम मोदी के रोजमर्रा के कामों को संभालेंगी। उनकी जिम्मेदारियों में अहम बैठकें तय करना, सरकारी विभागों के साथ तालमेल बनाना और पीएम के फैसलों को लागू करने में मदद करना शामिल है। यह पद न सिर्फ जिम्मेदारी भरा है, बल्कि देश की नीतियों को आकार देने में भी बड़ी भूमिका निभाता है। निधि की विदेश नीति और सुरक्षा मामलों की समझ इस काम में उनकी ताकत बनेगी।