चाय बेचकर गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले प्रकाश राव को मिला पद्मश्री

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चाय बेचकर गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले प्रकाश राव को मिला पद्मश्री

PM नरेंद्र मोदी को ओडिशा के कटक में चाय बेचकर गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले डी.प्रकाश राव ने इस कदर प्रभावित किया कि उन्हें सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। बीते साल 30 मई को जब प्रधानमंत्री ने मन की बात में प्रकाश का जिक


चाय बेचकर गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले प्रकाश राव को मिला पद्मश्रीPM नरेंद्र मोदी को ओडिशा के कटक में चाय बेचकर गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने वाले डी.प्रकाश राव ने इस कदर प्रभावित किया कि उन्हें सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

बीते साल 30 मई को जब प्रधानमंत्री ने मन की बात में प्रकाश का जिक्र किया तो देश हैरान रह गया कि कोई ऐसा भी व्यक्ति ओडिशा के कटक में है जो चाय बेचकर गरीब बच्चों को पढ़ाता है।

यही नहीं मोदी जब 26 मई को सरकार के चार साल का लेखाजोखा जनता के सामने रखने को कटक पहुंचे तो प्रकाश राव से मिलने का मोह नहीं छोड़ चुके। कौतूहलवश पूछा लिया कि सब कैसे मैनेज करते हो? मोदी प्रकाश और उनके बच्चों के साथ 20 मिनट तक रहे।

कटक के बख्शी बाजार में प्रकाश की एक छोटी सी चाय की दुकान है। 10 बजे दिन तक डी. प्रकाश राव आपको यही मिलेंगे। बहुभाषी हैं। वैसे तो आंध्र के रहने वाले है पर ओडिशा में बसे हैं। उनका ग्राहक किसी भी भाषा का हो प्रकाश उसे उसी भाषा में जवाब देते हैं। वह बताते हैं कि 50 साल से चाय बेच रहे हैं। उनके पिता भी यही काम करते थे। लेकिन प्रकाश राव की असली जिंदगी दिन के 10 बजे के बाद शुरू होती है। वह गरीब बच्‍चों के लिए स्‍कूल चलाते हैं।

अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा 80 बच्चों के लिए चलाए जा रहे स्कूल में लगा देते हैं। गरीबी में भी शिक्षा की अलख जगाने वाले प्रकाश राव एक मिसाल बन चुके हैं। शायद इसीलिए सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का कदम उठाया। उन्होंने अपनी झुग्गी में ही आशा आश्वासन खोला है, जिसमें वह ऐसे लोगों को सहारा दे रहे हैं, जिनके पास अपना घर नहीं है।