केंद्र सरकार नौ अगस्त को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करे : मुख्यमंत्री

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केंद्र सरकार नौ अगस्त को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करे : मुख्यमंत्री

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रांची। रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनजातीय महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वह भारत सरकार से मांग करते हैं कि नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो वन पट्टे खारिज हुए हैं, उसे तीन महीने में रिन्यू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम आदिवासियों के लिए अपनी जमीन, अपनी संस्कृति-अपनी भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। विकास के नए अवतार से इन सभी चीजों को ख़तरा है। आखिर एक संस्कृति को हम कैसे मरने दे सकते हैं ? विभिन्न जनजातीय भाषा बोलने वालों के पास न तो संख्या बल और न ही धन बल। मोरहाबादी मैदान में मंगलवार से शुरू हुए दो दिवसीय झारखंड जनजातीय महोत्सव के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री सभा को संबोधित कर रहे थे।

आदिवासी बचाओ, जंगल और जीव जंतु सब बचेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय एक स्वाभिमानी समुदाय है, मेहनत करके खाने वाली कॉम है, ये किसी से भीख नहीं मांगती है। हम भगवान बिरसा, एकलव्य, राणा पूंजा की कॉम हैं, जिन्हें कोई झुका नहीं सकता, कोई डरा नहीं सकता, कोई हरा नहीं सकता। हम उस कॉम के लोग हैं जो गुरु की तस्वीर से हुनर सीख लेते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सामने से वार करने वाले लोग हैं, सीने पर वार झेलने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस देश के मूल वासी हैं। हमारे पूर्वजों ने ही जंगल बचाया, जानवर बचाया, पहाड़ बचाया? हां, आज यह समाज यह सोचने को मजबूर है कि जिस जंगल-जमीन की उसने रक्षा की आज उसे छीनने का बहुत तेज प्रयास हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जानवर बचाओ, जंगल बचाओ सब बोलते हैं पर आदिवासी बचाओ कोई नहीं बोलता। अरे आदिवासी बचाओ जंगल जीव -जंतु सब बच जाएगा। सभी की नजर हमारी जमीन पर है। हमारे जमीन पर ही जंगल है, लोहा हैं, कोयला है पर हमारे पास न तो आरा मशीन है और न ही फैक्ट्री ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने 200-250 वर्ष पूर्व के इतिहास को याद करना होगा। हमें यह याद रखना होगा कि आज जो भी जमीन हमारे पास है वह समाज के शहीदों की देन है। बिरसा मुंडा, भीमा नायक, कंटा भील, सिद्धो-कान्हो सभी महापुरुषों ने आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए जान निछावर कर कर दिए थे। भगवान् बिरसा मुंडा ने क्या कहा था? उन्होंने जल-जंगल-जमीन पर अधिकार की बात की थी। अबुआ राज की बात की थी। गांव की सरकार की बात की थी। दिक्कत है कि हम अपने आदर्शों के बारे में जानते ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नयी पीढ़ी को इस बारे में सोचना होगा।

सभी लोग अभिवादन के लिए 'जोहार' शब्द का प्रयोग करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपस में हमेशा मिलकर है रहना, यह हमने ही सबों को बताया है कितना व्यापक है आदिवासी विचार धारा, इसे सिर्फ आप हमारे अभिवादन में प्रयुक्त होने वाले शब्द से जान सकते हैं। 'जोहार' बोल कर हम प्रकृति की जय बोल रहे हैं, सभी के जय की बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि सभी लोग आदिवासी- गैर आदिवासी अभिवादन के लिए 'जोहार' शब्द का प्रयोग करें।

हेमन्त सोरेन भी लोन लेने जाएं तो उसे पहली दफा नकार देंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढने के लिए राशि उपलब्ध करवाने के लिए 'गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लेकर आ रहे हैं मैं अपने समाज को जानता हूं, अपने झारखंडी लोगों को समझता हूं। मुझे पता है की बैंक से लोन प्राप्त करना मेरे युवा साथियों के लिए कितना कठिनाई पूर्ण रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन मोड में कार्यक्रम चलाकर हम किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढने के लिए राशि उपलब्ध करवाने के लिए 'गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड' योजना लेकर आ रहे हैं। मैं अपने समाज को जानता हूं, अपने झारखंडी लोगों को समझता हूं। मुझे पता है की बैंक से लोन प्राप्त करना मेरे युवा साथियों के लिए कितना कठिनाई पूर्ण रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक की स्थिति तो यह है कि हेमन्त सोरेन भी लोन लेने जाए तो उसे पहली दफा नकार देंगे। कहेंगे की आपका जमीन सीएनटी और एसपीटी के अंतर्गत आता है। हमारे युवा हुनरमंद होते हुए भी मजदूरी करने को विवश हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाड़ी चलाने आता है पर उसके पास पैसा नहीं है इसलिए वह सिर्फ ड्राईवर बन पाता है गाना गाने आता है पर उसके पास रिकॉर्डिंग करवाने के लिए पैसा नहीं है। बाल काटने आता है पर वह अपना सैलून नहीं खोल पाता है। बेल्डिंग करने आता है पर वह अपना वर्कशॉप नहीं खोल पाता है। हमने स्थिति को बदलने की ठानी। अब गाड़ी चलाने जानने वाला गाड़ी का मालिक बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज के समक्ष सबसे बड़ी समस्या क्रेडिट की उपलब्धता की रहती है तथा हम अपने आदिवासी लोगों को साहूकारों महाजनों के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं। मिशन मोड में कार्यक्रम चलाकर हम किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा रहे हैं।

100 किलो चावल तथा 10 किलो दाल दिया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी परिवार में किसी की भी शादी के अवसर पर एवं मौत होने पर उन्हें 100 किलोग्राम चावल तथा 10 किलो दाल दिया जाएगा। इससे सामूहिक भोज के लिए अब उन्हें कर्ज नहीं लेना पडेगा। साथ ही मेरी अपील होगी कि सामूहिक भोज करने के लिए कर्ज लेने से बचें। कर्ज लेना भी हो तो बैंक से लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाजनों से मंहगे ब्याज पर लिया गया कर्ज अब आपको वापस नहीं करना है। इसकी शिकायत मिलने पर महाजन पर कार्रवाई होगी ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 'ट्राइबल यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है। इसके माध्यम से मुख्य रूप से आदिवासी भाषा संस्कृति, लोक कल्याण शोध से सम्बंधित विषय को बढ़ावा दिया जाएगा। उम्मीद है कि इससे आदिवासी समाज एवं झारखण्ड से जुड़े प्राचीन ज्ञान को संरक्षित रखने के साथ-साथ इनकी विशिष्ट समस्याओं के समाधान को भी बल मिलेगा।

झामुमो अध्यक्ष, राज्य समन्वय समिति-सह-सांसद राज्यसभा दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार भव्य रुप से झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 मनाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सामाजिक शक्तियां समाज के अंदर समाज के प्रति सदैव सकारात्मक सोच के साथ विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि आज खुशी की बात है कि हम लोग अपनी भाषा-संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। देश में जनजातीय समाज की अलग पहचान है। अपनी पहचान और विरासत को संरक्षित करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।