योजनाओं से जुड़कर राज्य के विकास में योगदान दें किसान : हेमंत सोरेन

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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योजनाओं से जुड़कर राज्य के विकास में योगदान दें किसान : हेमंत सोरेन


योजनाओं से जुड़कर राज्य के विकास में योगदान दें किसान : हेमंत सोरेन


योजनाओं से जुड़कर राज्य के विकास में योगदान दें किसान : हेमंत सोरेन


योजनाओं से जुड़कर राज्य के विकास में योगदान दें किसान : हेमंत सोरेन


-बीते पांच माह में एक लाख 25 हजार किसानों के बीच केसीसी लोन के रूप में 1313 करोड़ रुपये की दी गई स्वीकृति

-किसानों के 900 करोड़ रुपये के लोन को माफ करने के लिए सरकार दे चुकी है मंजूरी

रांची, 23 जून (हि.स.)। कृषि और किसान को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। अन्नदाता सशक्त और स्वावलंबी बने। किसानों की जिंदगी में आमूल-चूल बदलाव आए। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। किसान इन योजनाओं से जुड़े और खुद के साथ राज्य को उन्नति की राह पर ले जाने में योगदान दें। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहीं। वे लातेहार में आयोजित पलामू प्रमंडल स्तरीय बिरसा किसान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बिरसा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। सरकार कृषि उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों, नवाचार और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। इस कड़ी में किसानों को पूंजी की किल्लत नहीं हो, इसके लिए पिछले पांच महीने में ही केसीसी के तहत 1313 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इससे एक लाख 25 हज़ार किसानों को फायदा पहुंचा है।

किसानों के मान सम्मान से बड़ा कुछ भी नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की ग्रामीण पृष्ठभूमि खेती और पशुपालन है। यह यहां के ग्रामीणों का आर्थिक आधार है। अन्नदाता के बिना जिंदगी की बात करना भी बेमानी होगी। ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने अन्नदाताओं को पूरा मान सम्मान दें ।

व्यवस्था को बदलने की शक्ति रखते हैं किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसानों में इतनी ऊर्जा, ताकत और क्षमता होती है कि वे अपने दम पर व्यवस्था को बदल सकते हैं। किसान किसी के मोहताज नहीं होते हैं। हमारा दायित्व है कि किसानों को उनका हक और अधिकार दें । यही वजह है कि हमारी सरकार किसानों के हित में 24 घंटे सातों दिन कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी कृषि और पशुपालन के इर्द-गिर्द घूमती है । ऐसे में हम दावे के साथ कह सकते हैं कि जब तक किसान मजबूत नहीं होंगे, हमारा गांव, प्रखंड, जिला और राज्य मजबूत नहीं होगा। ऐसे में कृषि और पशुपालन को विशेष तरजीह देते हुए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर राज्य को भी विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा कर सकें।

मुख्यमंत्री ने अफसोस जताते हुए कहा कि अनाजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, लेकिन इन अनाजों को जो अपनी मेहनत से उपजा रहे हैं, उन्हें उसका लाभ नहीं मिल रहा है । इससे किसानों को आखिर हम कैसे सशक्त बना सकते हैं । उनकी आमदनी कैसे बढ़ा सकते हैं। हमें इस बात पर विशेष गौर करने की जरूरत है, ताकि किसानों को उनको मेहनत के अनुरूप उसका फायदा दिला सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती के लिए किसानों के पास पूंजी का अभाव नहीं हो। इसके लिए केसीसी के माध्यम से उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है । समय पर किसानों को खाद और बीज मिले, इसे सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।

कार्यक्रम में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा मांझी, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल, विधायक वैद्यनाथ राम और रामचंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, पलामू प्रमंडल के आयुक्त, डीआईजी तथा मेदिनीनगर, गढ़वा और लातेहार के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक सहित कई अधिकारी इस समारोह में मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना