खगरीजान तेल क्षेत्र पुनर आरंभ समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
-मुख्यमंत्री ने रहमरिया में बाढ़ और कटाव को रोकने के लिए दो योजनाओं की रखी आधारशिला
डिब्रूगढ़ (असम)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने डिब्रूगढ़ जिला के रहमरिया में ऑयल इंडिया लिमिटेड के खगरीजान तेल कुंआ से तेल उत्पादन के फिर से शुरू किए गए समारोह में शनिवार को भाग लिया। तेल कुएं को प्रशासनिक और पर्यावरणीय मुद्दों के कारण नवंबर 2007 में बंद कर दिया गया था।
नवंबर 1998 में इस तेल क्षेत्र की खोज कुंआ- केजीजे-1 की ड्रिलिंग के माध्यम से की गई थी। दिसंबर 2004 में इस क्षेत्र में चार कुंओं की खुदाई करके तेल का उत्पादन शुरू हुआ। खगरीजान तेल कुंआ ब्रह्मपुत्र नदी से महज 1.8 किमी की दूरी पर स्थित है। ब्रह्मपुत्र नद के किनारे बड़े पैमाने पर कटाव के साथ क्षेत्र में ऑयल इंडिया लिमिटेड के संचालन में विभिन्न स्थानीय संगठनों ने बाधा डाली। लंबे समय तक नाकेबंदी के कारण नवंबर 2007 से ऑयल कंपनी ने यहां अपनी सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया था।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने रहमरिया को बाढ़ और कटाव से बचाने के लिए 17 करोड़ रुपये की लागत से एसडीआरएफ और एसओपीडी फंड के तहत दो योजनाओं का आज शिलान्यास किया। इसमें ब्रह्मपुत्र नद के लिटिंग गांव से रहमरिया गांव तक बाढ़ के नुकसान से उबरने की योजना और रहमरिया के उच्च माध्यमिक विद्यालय से बरटीचुक तक एक योजना शामिल है।
इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि रहमरिया में ब्रह्मपुत्र नद के कटाव ने विनाशकारी रूप ले लिया है और स्थानीय लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। लंबे समय से इन सभी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए कई प्रयास किए गए हैं लेकिन कई कारकों के कारण, उन्हें पूरा नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से वर्तमान राज्य सरकार ने रहमरिया में बाढ़ और कटाव की समस्या को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे जल संसाधन विभाग बाढ़ और कटाव से बचाव के लिए हाल ही में रहमरिया में दो योजनाओं के क्रियान्वयन को पूरा कर सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रहमरिया की सुरक्षा के लिए अब तक तटबंध के निर्माण का अस्सी प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और राज्य सरकार तटबंध के शेष भाग के निर्माण के लिए अतिरिक्त 16.13 करोड़ रुपये स्वीकृत करेगी। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग से उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
इसके अलावा स्थानीय लोगों की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि तटबंध का नाम बोलो बोरगोहाईं के नाम पर रखा जाएगा, जिन्होंने तटबंध के निर्माण के संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
उन्होंने स्थानीय लोगों से असम के लोगों के हितों की सेवा के लिए ऑयल गतिविधियों में सहयोग करने और राज्य के विकास के लिए गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय विधायक से क्षेत्र में स्टेडियम के निर्माण के लिए कदम उठाने का आग्रह किया और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा धन राशि प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने रहमरिया में नाव दुर्घटना में मारे गए तीन लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी।
डिब्रूगढ़ के उपायुक्त बिश्वजीत पेगू ने समारोह में स्वागत भाषण दिया। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, विधायक विनोद हजारिका, प्रशांत फुकन, तेरेस ग्वाला, चक्रधर गोगोई, पोनकन बरुवा और तरंग गोगोई, एटीडीसी अध्यक्ष रितुपर्णा बरुवा, डिब्रूगढ़ जिला परिषद अध्यक्ष रितुपर्ण बरुवा, डिब्रूगढ़ जिला परिषद अध्यक्ष डेजी रानू फुकन श्याम, ओआईएल के निदेशक मंडल के प्रतिनिधि पंकज कुमार गोस्वामी और मानस कुमार सरमा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।