आंदोलन के नाम पर भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों को परेशान न करें: मंत्री हजारिका

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Regional

आंदोलन के नाम पर भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों को परेशान न करें: मंत्री हजारिका

pijush hazarika

-भर्ती परीक्षाओं के दौरान आंदोलनोन्मुखी गतिविधियों से दूर रहने का आह्वान
 


गुवाहाटी। असम सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका ने गुरुवार को नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर आंदोलन करने वाले सभी पक्षों से परीक्षा के दौरान गड़बड़ी न करने का आह्वान किया है। राज्य सरकार के तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों की नियुक्ति को लेकर 21 और 28 अगस्त तथा 11 सितंबर को परीक्षाएं होंगी।

हजारिका ने गुरुवार को जनता भवन (असम सचिवालय) में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 21, 28 अगस्त और 11 सितंबर को होने वाली भर्ती परीक्षा में 14 लाख 30 हजार 337 उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा आयोजित करने के लिए पिछले बुधवार को जिला उपायुक्तों और अन्य हितधारकों के साथ एक वर्चुअल बैठक की थी।

हालांकि, असम में इस समय कई संगठनों के एक वर्ग द्वारा सीएए विरोधी आंदोलन छेड़े जाने के संबंध में मंत्री ने कहा कि लगभग 30 हजार पदों के लिए परीक्षा होने जा रही है। उन्होंने सभी दलों से आह्वान किया कि नौकरी की इच्छा रखने वाले लोगों को आंदोलन के नाम पर परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं या संगठनों के एक वर्ग ने उस समय झूठ के साथ असम के लोगों को गुमराह किया था। मंत्री ने कहा कि आंदोलन के नाम पर कुछ उपद्रवियों ने तब शंकरदेव कलाक्षेत्र सहित गुवाहाटी को नुकसान पहुंचाया था। मंत्री ने बताया कि नेताओं के एक वर्ग द्वारा इस तरह के आंदोलन के बाद झूठा प्रचार किया गया था कि अगर 'सीएए' लागू किया गया तो करोड़ों बांग्लादेशी नागरिक हमारे राज्य में आएंगे। इस तरह के दुष्प्रचार के बावजूद वर्तमान पार्टी (भाजपा) अपनी विचारधारा में विश्वास करते हुए दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार बनाने में सक्षम हुई है।

मंत्री हजारिका ने कहा कि हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन किसी की विचारधारा स्थापित करने के नाम पर आंदोलन कर राज्य के नौकरी चाहने वाले स्थानीय युवाओं को बंधक बनाने से बचना चाहिए। पत्रकारों द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर आवेदन को सख्ती से रोकने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार एक संविधान द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के आधार पर चलती है। जिस तरह असम के कई नागरिक इस समय राज्य से बाहर नौकरी पाकर काम कर रहे हैं, उसी तरह प्रचलित व्यवस्था के तहत अगर दूसरे राज्यों के एक-दो लोगों को हमारे राज्य में नौकरी मिलती है तो हमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। मंत्री ने मीडिया के माध्यम से सभी दलों से फिर अपील की कि सीएए आंदोलन के नाम पर उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं किया जाना चाहिए।