गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी बनाने को पूरी तरह तैयार: सरूरी

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गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी बनाने को पूरी तरह तैयार: सरूरी

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जम्मू,। पूर्व मंत्री और हाल ही में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले जीएम सरूरी ने दावा किया है कि आजाद अपनी पार्टी बनाने को पूरी तरह तैयार हैं। एक पखवाड़े के भीतर जम्मू-कश्मीर में इसकी पहली इकाई अस्तित्व में आ जाएगी। सरूरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति की बहाली, इस नयी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होगी।

पूर्व मंत्री सरूरी ने कहा कि उनके नेता वैचारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष हैं और भाजपा के इशारे पर उनके काम करने का सवाल नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, पंचायती राज संस्था सदस्यों और प्रमुख कार्यकर्ताओं ने तब कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से पांच दशक पुराना संबंध खत्म करने की घोषणा की।

कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष सरूरी ने बताया कि नई पार्टी के गठन से पहले गुलाम नबी आजाद अपने शुभचिंतकों के साथ विचार-विमर्श करने 4 सितंबर को जम्मू आ रहे हैं।

शुक्रवार को अपने इस्तीफे के कुछ घंटों बाद आजाद ने कहा था कि वह जल्द ही नई पार्टी बनाएंगे और इसकी पहली इकाई जम्मू-कश्मीर में स्थापित की जाएगी।

सरूरी ने कहा कि नई पार्टी समाज के सभी वर्गों के बीच विकास, एकता पर ध्यान केंद्रित करेगी। साथ ही राज्य में 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति की बहाली के लिए संघर्ष करेगी।

5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।

सरूरी ने दावा किया कि आजाद के इस्तीफे के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस लगभग खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा, आजाद से मिलने के लिए (जम्मू-कश्मीर से) नेताओं की कतार है ताकि वे अपना समर्थन दे सकें। हमें पीआरआई सदस्यों से सैकड़ों त्यागपत्र मिले हैं, जिनमें जिला और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्य और कई नगर निगम पार्षद शामिल हैं।

कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित एक दर्जन से अधिक नेताओं ने आजाद के समर्थन में कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और शनिवार को नई दिल्ली में आजाद के साथ बैठक के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद जैसे कई अन्य नेताओं के इस्तीफा देने की संभावना है।

कांग्रेस के उस बयान का जिक्र करते हुए जिसमें उन्होंने आजाद पर उनके इस्तीफे के बाद भाजपा के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया था, सरूरी ने कहा कि जो लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं वे जमीनी हकीकत से आंखें मूंद रहे हैं। उन्होंने कहा कि, आजाद एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं जिन्होंने पिछले पांच दशकों में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम किया। वास्तव में हम सभी ने अपना खून-पसीना दिया है, लेकिन आप उस पार्टी में कैसे रह सकते हैं जो आपका अपमान कर रही है।