विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही सरकार : मुख्यमंत्री

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विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही सरकार : मुख्यमंत्री

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-मुख्यमंत्री ने कहा- मरांग गोमके जयपाल सिंह छात्रवृत्ति योजना का बढ़ रहा दायरा
 


रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मंगलवार का दिन झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है। आज हम अपनी नई पीढ़ी को शिक्षा की दिशा में नई राह दिखाने जा रहे हैं। ब्रिटिश हाई कमीशन नई दिल्ली के फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट ऑफिस और झारखंड सरकार के बीच ऐतिहासिक एमओयू हुआ है। इस अवसर पर मैं ब्रिटिश हाई कमिशन टू इंडिया, एलेक्स एलिस और उनकी टीम को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े बुजुर्गों ने एक कहावत कही है- शिक्षा वह मां का दूध है जो बच्चा जितना पियेगा वह उतना दहाड़ेगा। झारखंड देश का पहला राज्य है जो शिक्षा के स्तर को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर प्रयासरत है। यहां के युवा छात्र-छात्राएं बेहतर शिक्षा ग्रहण करें इस दिशा में हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत फर्स्ट फेज में सिर्फ ट्राइबल बच्चे ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेश गए थे। यह छात्रवृत्ति योजना उम्मीद से ज्यादा सफल होती दिखाई दे रही है। यह बात सही है कि नीयत सही हो तो ऊपर वाला ही साथ देता है। बहुत कम समय में केंद्र सरकार और यूके की सहमति प्राप्त हुई है। अब मरांग गोमके जयपाल सिंह छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ रहा है। अब ट्राइबल के साथ ही पिछड़े वर्ग के बच्चे, जो विदेश में शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं उन्हें भी हमारी सरकार उच्च शिक्षा के लिए इस छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ाई करने भेजेगी।

ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय के स्थित सभागार में आयोजित राज्य सरकार एवं विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के बीच एमओयू तथा शेवनिंग मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप 2023 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूके गवर्नमेंट के प्रतिष्ठित शेवनिंग स्कॉलरशिप के साथ अब देश और झारखंड की प्रतिष्ठित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना के साथ एमओयू के अंतर्गत हर साल युवाओं को विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी स्टेट गवर्नमेंट ने यूके गवर्नमेंट के साथ ऐसा एमओयू किया हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से सौ साल पहले झारखंड से एक ट्राइबल युवा जयपाल सिंह मुंडा जी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का अवसर मिला था उन्होंने पढ़ने के साथ-साथ हॉकी में ऑक्सफोर्ड ब्लूज टीम की कप्तानी भी की। उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारने में इंग्लैंड में ही उन्हें उपयुक्त वातावरण मिला। यही कारण है आज लोग उन्हें मरांग गोमके के नाम से जानते हैं। राज्य, देश और दुनिया में जयपाल सिंह मुंडा की अलग पहचान रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने में अभूतपूर्व काम किया है। उसी का परिणाम है कि अब हम हर साल 6-7 नहीं बल्कि 20-25 युवाओं को विदेश पढ़ने के लिए भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में वंचित समाज से आने वाले सभी वर्गों के युवाओं को भी जोड़ा गया है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले हमारे युवा झारखंड के सिर्फ एस्कॉलर्स नहीं हैं यह हमारे यंग एंबेसडर्स भी हैं।

झारखंड के आठ खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय मंडल खेलों में जीता मेडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में झारखंड के सभी आठ खिलाड़ियों ने देश को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य का कोई भी खिलाड़ी खाली हाथ नहीं लौटा सभी ने मेडल जीतने का काम कर दिखाया है। हमारी सरकार युवाओं के इसी पोटेंशियल को नया आयाम देने का काम करते आयी है उनके सपनों का सम्मान करते आयी है। राज्य सरकार ने झारखंड के उभरते खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए नई खेल पॉलिसी बनाने का काम किया है। खेल पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का काम किया गया है।

क्लाइमेट चेंज की परिकल्पना में झारखंड की भूमिका अहम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास की दिशा में झारखंड राज्य कई मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। हमारा राज्य जल-जंगल-जमीन के लिए जाना जाता है। हमारे राज्य में सोलर एनर्जी और क्लाइमेट चेंज आदि क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ने का बहुत पोटेंशियल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने पिछले साल ग्लैसगो में क्लाइमेट चेंज के कॉप 26 अधिवेशन के दौरान 2070 तक नेट कार्बन एमिशन को जीरो करने की देश की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। साथ ही 2030 तक देश की नॉन फॉसल एनर्जी कैपेसिटी को 500 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड भी उसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने की योजना पर कार्य कर रहा है।

ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की

ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों की सराहना की। ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने कहा कि झारखंड में बहुत सुंदर वादियां हैं। झारखंड में निवेश की काफी संभावनाएं हैं। यहां निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया गया है। राज्य सरकार अपनी ओर से निवेशकों को पूरा सपोर्ट दे रही है।