दूध की प्राथमिक जांच के लिए उन्नत तकनीक पशुपालकों तक पहुंचाने के निर्देश

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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दूध की प्राथमिक जांच के लिए उन्नत तकनीक पशुपालकों तक पहुंचाने के निर्देश

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जयपुर। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा ने डेयरी अधिकारियों से अधिक से अधिक महिलाओं को दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से जोड़ने का आहवान किया है। दुग्ध व्यवसाय में महिलाओं की महत्ती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने डेयरी अधिकारियों से महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि महिलाऐं दुग्ध व्यवसाय की धुरी हैं और डेयरी अधिकारियों को इन्हें आगे लाने का प्रयास करना चाहिये।

अरोड़ा सोमवार को मानपुरा माचेड़ी में जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की जोनल मीटिंग में इकट्ठा हजारों दुग्ध उत्पादकों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने मानपुरा माचेड़ी के लिये दो लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध संकलन का लक्ष्य देते हुए दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध संकलन बढ़ाने को प्रेरित किया। उन्होंने डेयरी अधिकारियों को दुग्ध उत्पादकों तक दूध की प्राथमिक जांच के लिए अत्याधुनिक तकनीक पहुुंचाने के भी निर्देंश दिये। इन दिनों पशुओं में तेजी से फैल रही लम्पी बीमारी के बारे में विस्तार से समझाते हुए उन्होंने इससे बचाव पर भी विस्तृत चर्चा की। लम्पी बीमारी से बचाव एवं रोकथाम के संबंध में आरसीडीएफ स्तर पर उठाये जा रहे कदम के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आरसीडीएफ स्तर पर लम्पी बीमारी से बचाव के लिये 21 लाख वैक्सीन डोजेज खरीदने का निर्णय किया गया है जिसमें से 8 लाख डोजेज आ भी गई हैं।

इस अवसर पर जयपुर डेयरी के अध्यक्ष ओम प्रकाश पूनियां ने दुग्ध उत्पादकों को उन्नत किस्म के दुधारु पशु रखने का आहवान किया ताकि दुग्ध संकलन में उत्तरोतर बढ़ोतरी की जा सके। जयपुर डेयरी के प्रबन्ध संचालक चांदमल वर्मा ने डेयरी की ओर से दुग्ध उत्पादकों के हित में किये जा रहे निर्णयों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर जयपुर दुग्ध संघ के संचालक मण्डल के सदस्य, आरसीडीएफ के अधिकारी मौजूद थे।