संसद में गूंजा झारखंड सुखाड़ का मुद्दा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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संसद में गूंजा झारखंड सुखाड़ का मुद्दा

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रांची। झारखंड के सुखाड़ का मुद्दा शुक्रवार को संसद में गूंजा। भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद आदित्य साहू को राज्यसभा में पहली बार बोलने का मौका मिला। उन्होंने राज्य के सुखाड़ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि झारखंड सरकार सूखे को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिये केंद्र सरकार झारखंड के किसानों के हित मे गंभीरता पूर्वक विचार करे। वहीं सांसद दीपक प्रकाश ने आदित्य साहू को साथ देते हुए कहा कि झारखंड में स्पेशल टीम भेजने की जरूरत है।

शून्यकाल में सवाल उठाते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में धान की खेती होती है, जो वर्षा पर ही आधारित है। सिंचाई परियोजनाएं और नहरों में पानी भी बारिश पर ही आधारित हैं। पिछले चार-पांच साल से लगातार मानसून ने किसानों का साथ दिया लेकिन, इस साल की स्थिति काफी भयावह है. राज्य के 24 जिलों में से छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र में पड़ने वाले 10-12 जिलों एवं कोल्हान के तीन जिलों में धान की रोपनी कम बारिश में भी हो जाती थी, लेकिन इस साल कोल्हान के तीन जिलों को छोड़ दें तो 21 जिलों में सूखे का दुष्प्रभाव पड़ चुका है। किसानों ने कर्ज लेकर किसी प्रकार बिचड़ा खेत मे डाल चुका था, वे सूख गए।

राज्य में अबतक 51 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 21 जिलों की स्थिति पूरी तरह भयावह और निराशाजनक है। खेती का सबसे महत्वपूर्ण महीना सावन भी आधा से अधिक बीत चुका है. ऐसे में राज्य में अबतक मात्र 14 प्रतिशत ही रोपाई हो सकी है। मानसून की जो स्थिति दिख रही है ,उससे बहुत अच्छे संकेत नहीं दिखाई पड़ रहे। आने वाले दिनों में न सिर्फ अनाज की जरूरत होगी बल्कि मवेशियों के लिए चारा और पीने के पानी की भी व्यवस्था करनी पड़ेगी, क्योंकि जलाशयों में पानी अबतक जमा नहीं हुआ है।