कांग्रेस नेता डॉ मदन मोहन झा को महागठबंधन सराकर में मंत्री बनाने को लेकर कवायद तेज

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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कांग्रेस नेता डॉ मदन मोहन झा को महागठबंधन सराकर में मंत्री बनाने को लेकर कवायद तेज

dr madan mohan jha

-सोनियां गांधी, राहुल गांधी सहित सीएम नीतीश को भेजे गए पत्र
 


पटना/मधुबनी। बिहार के मिथिलांचल परिक्षेत्र में एक कहावत परिलाक्षित है कि बिना टिक किछ नई ठीक। मिथिलांचल में दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और उजियारपुर छह लोकसभा की सीटें हैं। इन छह में से दो लोकसभा सीट (दरभंगा-झंझारपुर) पूरी तरह ब्राह्मण बाहुल है। इन क्षेत्रों से हमेशा दो से तीन मंत्री राज्य सरकार में बनते रहे हैं। हालांकि इस बार की नीतीश की अगुवाई वाले महागठबंधन सरकार में केवल एक मैथिल ब्राह्मण संजय झा (जदयू) को मंत्रिमंडल में जगह मिलने से मिथिलांचल के लोगों उदास है।

महागठबंधन सरकार बनने की कवायद के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज कांग्रेस नेता स्व. नागेंद्र झा के सुपुत्र एमएलसी मदन मोहन झा को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन यह नहीं हो सका। इसे लेकर मिथिलांचल के लोगों ने कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी सहित राज्य के सीएम नीतीश कुमार को पत्र भेजा है।

कांग्रेस वोट बैंक को बलवती बनाने वाले प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा को महागठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए गुरुवार को कवायद तेज हो चुकी है।वर्तमान में डॉ मदन मोहन निरंतर दो बार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद चुने गए हैं। शिक्षक वर्ग व बुद्धिजिवियों ने भी डॉ मदन मोहन को महागठबन्धन सरकार के मंत्रिपरिषद में सम्मिलित करने की मांग दोहराई है।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व समर्पित जमीनी नेताओं ने गुरुवार राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित पार्टी के शीर्ष पदेन सदस्यों को पत्र लिखा है।

मिथिलांचल परिक्षेत्र से कांग्रेस के ग्रासरूट से जुड़ाव वाले सवर्ण तथा सर्वहारा वर्ग के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पोस्टकार्ड ,चिठ्ठी, मैसेज व ई मेल के माध्यम से अभियान शुरू किया है।कांग्रेस पार्टी के शहरजमीन से लगाव रखने वाले लोगों के बीच महागठबंधन सरकार में ब्राह्मण नेता डॉ मदन मोहन तरजीह नहीं देने की मलाल बताय गया है।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रति अपनी अथाह समर्पित भाव की जिक्र किया है। कांग्रेसियों ने मैसेज भेजकर केंद्रीय नेतृत्व तथा बिहार में महागठबंधन सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर डॉ मदन मोहन को मंत्रिपरिषद में शामिल करने की मांग दोहराई है।

कार्यकर्ताओं की बैठक में बताया गया कि मिथिलांचल परिक्षेत्र में दो चीजों की अहम भूमिका शुरू से रही है। पहनावा में खादी एवं राजनीतिक महत्वाकांक्षा में कांग्रेस के प्रति सवर्ण मतदाताओं के रुझान यहां शुरू से बनी रही है। कमला कोसी गंडक बागमती व गंगा नदी के किनारे बसे गांव में अभी भी सवर्ण मतदाताओं खास करके ब्राह्मण से वर्गों में कांग्रेस के कैडर वोट की प्रतिबद्धता विराजमान बताया गया है।

पूर्व मंत्री मदन मोहन झा दल के सिद्धांत व अनुशासन के अनुरूप कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं।बताया गया कि मदन जी शान्तिपूर्ण सौहार्द व सक्षम व्यवहार वाले कद्दावर नेता के रूप में विगत वर्षों से कांग्रेस को सींचने का काम किया है ।कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधायक बनने के बाद यह विधान परिषद में भी चुनाव जीत कर के ही अपनी दाखिला ली है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिहार में सवर्णों व सर्वहारा वर्ग की भागीदारी कांग्रेस में सशक्त रखने में सहायक बने रहे हैं।कांग्रेस पार्टी में डॉ मदन मोहन कभी भी किसी प्रकार की इधर- उधर नहीं झांका है। शुरुआती दौर में यह कांग्रेस की दामन थामने के बाद अद्यतन इनके ऊपर अदल- बदल का कभी भी किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगा है। मिथिलांचल सहित बिहार में कद्दावर ब्राह्मण नेता के रूप में उनकी साख प्रतिस्थापित है। डॉ मदन मोहन को मंत्रिपरिषद में शामिल करने से कांग्रेसियों के स्थापित कार्यकर्ता व शहरजमीन पर ग्रास रूट के वोटर को आत्म संतुष्टि होगी।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि इनके परिवारिक पृष्ठभूमि में पिता स्व नागेंद्र झा के समय में कांग्रेस की जनाधार मिथिलांचल सहित बिहार में मजबूत होती रही। डॉ मदन मोहन विधायक व विधान पार्षद का चुनाव लड़कर सदन में जीत कर के ही गए हैं। आम जनों के बीच इनकी साख प्रतिस्थापित बताया गया है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बखूबी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर पार्टी को सींचना इनका पुनीत कर्तव्य बताया गया है। सर्वहारा वर्ग से लेकर के सवर्ण वोटरों के बीच इनकी साख बनी रही है। डॉ झा को शिक्षाविद समाजसेवी के साथ कुशल राजनीतिज्ञ व परिपक्व व्यक्तित्व बताया गया है।

हालांकि इस बाबत जब डॉ. झा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी तक जो भी दायित्व दिया है उसका मैंने पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया है आगे भी करता रहूंगा।