राज्य दर्जा एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाली की मांग

जम्मू, 9 अगस्त (हि.स.)। शिवसेना जम्मू कश्मीर ईकाई ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर 5 अगस्त 2019 के बाद से कथित नए जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए तमाम वादो के खोखला व झूठा बताया। शिवसैनिकों ने रंजन प्रकाश देसाई रिपोर्ट जिसमें पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों की टीम है द्वारा इसकी पुष्टि का हवाला देते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय के समीप छन्नी चौक पर शिव सेना प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी के नेतृत्व में एकत्रित शिव सैनिकों ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की आवाम के साथ वादा खिलाफी का आरोप लगाया।
साहनी ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में देश के मुकाबले सर्वाधिक महंगाई, बेरोजगारी के अतिरिक्त लचर सवास्थ्य सेवाओं तथा बिजली-पानी, सड़क-शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों में ढांचागत कमियों को लगातार उजागर किया है। वहीं परिसिमन आयोग ने भी जम्मू संभाग की जनता के साथ इंसाफ नहीं किया। जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल नहीं हुआ। सरकार कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने में आनाकानी दिखा रही है। फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” के बाद कश्मीर घाटी अल्पसंख्यकों के लिए एकबार फिर असुरक्षित साबित हो रही है।
साहनी ने कहा कि पिछले महीने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि 2022 के दौरान किसी भी कश्मीरी पंडित ने कश्मीर घाटी नहीं छोड़ी है। जबकि लक्षित हत्याओ के बाद 4,000 से अधिक पंडित कर्मचारी, जो 2010 से प्रधान मंत्री के विशेष रोजगार पैकेज के हिस्से के रूप में लौटे थे - पिछले एक महीने से जम्मू में सुरक्षित तबादले की अपनी मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
इस मौके पर अध्यक्ष महिला विंग मिनाक्षी छिब्बर, सचिव गीता लखोतरा, सह सचिव नरेश कुमार, डिम्पल , अब्दुल रशीद, परमीना, पाकिजा , निलोफर , मीर बिलावर , नसीर अहमद , मंजूर अहमद , नसीर , इजाज , फिरोज अहमद समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान